New Wage Code BIG Update : हो जाइए खुश, अगले साल से सप्ताह में चार दिन ही करना होगा काम
New Wage Code Latest Update अगर आप नौकरीपेशा है तो यह खबर पढ़ आप पक्का झूम उठेंगे। नया श्रम कानून में ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि कर्मचारी सिर्फ सप्ताह में चार दिन ही काम करेंगे। बाकी के तीन दिन आप मजे कीजिए.....
जमशेदपुर, जासं। नववर्ष 2022 श्रम कानून के लिहाज से नया इतिहास बना सकता है। इसमें चार दिन का कार्यदिवस या वर्किंग डे करने की योजना पर काम चल रहा है। इसमें वेतन भले ही कम होगा, लेकिन सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध और व्यवसाय सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति बेहतर होने की संभावना है।
वित्त विशेषज्ञ अनिल कुमार गुप्ता बताते हैं, एक बार लागू होने के बाद नया वेज कोड काम के घंटे, वेज रिवीजन और प्रमुख अधिकारियों के बीच पीएफ अंशदान को प्रभावित करेगा। इसका मतलब यह भी है कि कर्मचारी की ग्रेच्युटी और पीएफ अंशदान में ज्यादा वृद्धि होगी। कर्मचारियों को हाथ में वेतन के पैसे कम हो सकते हैं, लेकिन ग्रेच्युटी और पीएफ का हिस्सा बढ़ सकता है।
आठ की जगह 12 घंटे का होगा वर्किंग आवर
श्रम कानूनों के जानकार एसके दासगुप्ता बताते हैं कि नया मसौदा कर्मचारियों के काम के घंटों को प्रभावित करेगा। कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्मचारियों को अगले साल से चार दिन के कार्य सप्ताह की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन उन्हें उन चार दिनों में 12-12 घंटे काम करना होगा। वैसे श्रम मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि 48 घंटे साप्ताहिक कार्य की आवश्यकता है।
राज्यों से सहमति लेने की चल रही कवायद
दासगुप्ता बताते हैं कि उनकी जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार इसे लागू करने से पहले राज्यों से सहमति लेने की कवायद में जुटी है। यह भी खबर है कि करीब 13 राज्यों ने इस कानूनी मसौदे को स्वीकार कर लिया है। केंद्र ने फरवरी 2021 में इन संहिताओं पर मसौदा नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
केंद्र सरकार ने चार लेबर कोड को किया है अधिसूचित
केंद्र सरकार ने चार लेबर कोड को अधिसूचित किया है। इसके मुताबिक वेतन, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति संहिता निर्धारित की गई है। चूंकि श्रम एक समवर्ती विषय है, इसलिए केंद्र चाहता है कि राज्य सरकारें भी इसे एक साथ लागू करें।
नए वेज-कोड में कर्मचारी का मूल वेतन उसके शुद्ध मासिक सीटीसी का कम से कम 50 प्रतिशत होगा। इसलिए यदि यह प्रविधान लागू होता है, तो इसका मतलब यह होगा कि कर्मचारी अपने शुद्ध मासिक वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक भत्ते के रूप में प्राप्त नहीं कर पाएंगे।