प्रबंधन के साथ हुई वार्ता, मजदूरों की मांगों पर बनी सहमति
हिदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) के सुरदा माइंस में कार्यरत मजदूरों के आंदोलन के दूसरे दिन शनिवार को मऊभंडार स्थित आइसीसी कंपनी के जेनरल ऑफिस में त्रिपक्षीय वार्ता हुई। वार्ता में प्रबंधन ने मजदूरों की मांगों पर पहल करने का भरोसा दिलाया..
संस, घाटशिला : हिदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) के सुरदा माइंस में कार्यरत मजदूरों के आंदोलन के दूसरे दिन शनिवार को मऊभंडार स्थित आइसीसी कंपनी के जेनरल ऑफिस में त्रिपक्षीय वार्ता हुई। वार्ता में प्रबंधन ने मजदूरों की मांगों पर पहल करने का भरोसा दिलाया। मजदूरों ने औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत मजदूरों के लंबित वेतन भुगतान का अविलंब समाधान करने, सुरदा माइंस व मुसाबनी प्लांट के मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने, मजदूरों को 17 माह का बकाया पीएफ भुगतान करने व मुसाबनी कंस्ट्रेंट प्लांट को माइंस एक्ट के तहत यथावत रहने देने की मांग की गई है। झामुमो नेता कान्हू सामंत ने कहा कि मजदूरों की मांगों को लेकर प्रबंधन के साथ वार्ता हुई, जिसमें प्रबंधन ने औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत मजदूरों के लंबित वेतन भुगतान मामले में 15 दिन के अंदर एएलसी-डीएलसी के साथ वार्ता कराने, मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 105 मजदूरों को रोटेशन के आधार पर 10-10 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही गई है। बकाया 2.80 करोड़ पीएफ की राशि मजदूरों को भुगतान करने के लिए पीएफ कमिश्नर के पास एचसीएल इलेक्ट्रॉनिक चालान रिपोर्ट (ईसीआर) जमा करने पर सहमति जतायी गई है, ताकि पीएफ की राशि मजदूरों के बैंक खाता में भेजी जा सके। इस मामले पर एचसीएल व मजदूरों के दो-दो प्रतिनिधि पीएफ कमिश्नर से मिलेंगे। मुसाबनी कंस्ट्रेंट प्लांट को माइंस एक्ट के तहत संचालित करने की मांग पर प्रबंधन ने कहा है कि एचसीएल ने संबंधित प्लांट को फैक्ट्री एक्ट के तहत चलाने पर अंतिम निर्णय लिया है, जिसकी विभागीय प्रक्रिया चल रही हैं। झामुमो नेता कान्हू सामंत ने कहा कि मजदूरों की मांगें जायज हैं। निर्धारित समयावधि के अंदर मजदूरों की मांगों को पूरा किया जाए। सुरदा माइंस को जल्द से जल्द चालू कर मजदूरों को नियमित रूप से रोजगार उपलब्ध कराया जाए। वार्ता में अनुमंडल पदाधिकारी सत्यवीर रजक, आइसीसी के इकाई प्रमुख संजय सिंह व मजदूर यूनियन के प्रतिनिधि शामिल थे। मौके पर मजदूर नेता सुभाष मुर्मू, धनंजय मार्डी समेत अन्य मौजूद थे।