सरसों तेल भी 200 तक पहुंचा, रिफाइंड ऑयल थोड़ा पीछे
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत का असर बाजार में भी दिख रहा है। सब्जी-भाजी के साथ खाद्यान्न की कीमतों ने भी रसोई का बजट बिगाड़ दिया है।
जासं, जमशेदपुर : पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत का असर बाजार में भी दिख रहा है। सब्जी-भाजी के साथ खाद्यान्न की कीमतों ने भी रसोई का बजट बिगाड़ दिया है।
कोरोना से पहले जो सरसों तेल 95 से 100 रुपये तक बिक रहा था, महज डेढ़ वर्ष में यह 200 रुपये तक पहुंच गया है। रिफाइंड ऑयल भी 150 से 200 रुपये के बीच झूल रहा है। इतने कम समय में तेल की कीमत दोगुनी होने से हर कोई हैरान है।
साकची के राशन दुकानदार नंदकिशोर बताते हैं कि बीच में सरसों तेल व रिफाइंड ऑयल की कीमत में थोड़ा उछाल आया था, लेकिन अब धीरे-धीरे सामान्य और करीब 15 दिन से स्थिर है। पाकिस्तान से कारोबार बंद होने के बाद बादाम और छुहाड़ा में जबरदस्त उछाल आया था। 80-85 रुपये बिकने वाला छुहाड़ा आज 220-240 रुपये बिक रहा है। बादाम भी 1000 रुपये किलो से ऊपर पहुंच गया था, जो अब 650-750 रुपये है। ड्राईफ्रूट का दाम लगभग सामान्य है। जहां तक सरसों तेल की बात है तो जब सरसों ही 100-110 रुपये किलो है, तो तेल का भाव 200 रुपये होना स्वाभाविक है।
साकची बाजार के राशन कारोबारी अशोक खंडेलवाल ने बताया कि कोरोना ने पूरी अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मचा दी। इसकी वजह से ऑनलाइन मार्केटिग-शॉपिग को खूब बढ़ावा मिला, जिससे अब बाजार में भीड़ तो दिखती है, लेकिन उस अनुपात में बिक्री नहीं होती है। एक किलो खरीदने वाला ग्राहक अब 250 ग्राम सामान लेता है। पहले पर्व-त्योहार के 15 दिन पहले बाजार में ग्राहक आने लगते थे, अब एक-दो दिन पहले आते हैं। बाजार के दुकानदारों की बिक्री 60 प्रतिशत तक पहुंच गई है। नई पीढ़ी तो बाजार में नहीं के बराबर दिखती है। लोगों की क्रय शक्ति भी काफी कम हो गई है। जब माल ही नहीं बिक रहा है, तो कीमत कहां से बढ़ेगी।
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सरसों तेल : कीमत (रुपये प्रति किलो-लीटर)
पतंजलि : 210
इंजन : 195
हाथी : 186
बापू : 186
इमामी : 185फार्च्यून : 185
सलोनी : 185
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रिफाइंड ऑयल
आनंदम : 220
सफोला : 200
फार्च्यून : 156
नेचर फ्रेश : 152
महाकोश : 140
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दाल
अरहर दाल : 103-108
मूंग दाल : 100-105
मसूर दाल : 96-98
चना दाल : 70-78