मातृभाषा व्यक्ति की सहज अभिव्यक्ति है : राकेश पांडेय
ग्रेजुएट कालेज के हिंदी विभाग के द्वारा मातृभाषा दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या डा. डीके धंजल ने कहा कि मातृभाषा वह जड़ है जो हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ कर रखती है।
जासं, जमशेदपुर : ग्रेजुएट कालेज के हिंदी विभाग के द्वारा मातृभाषा दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या डा. डीके धंजल ने कहा कि मातृभाषा वह जड़ है जो हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ कर रखती है। मातृभाषा समाज एवं राष्ट्र के विकास का सशक्त माध्यम है। यह हमारी पहचान है। मुख्यवक्ता प्रो. राकेश पांडेय ने कहा कि मातृभाषा व्यक्ति की सहज अभिव्यक्ति है। कोई भी व्यक्ति अपनी भावनाओं को सहज और सरल तरीके से रखना चाहता है तो उसे अपनी मातृभाषा का प्रयोग करना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ हमें अपनी संस्कृति से जोड़े रखती है बल्कि अपने व्यक्तित्व को निखारने में भी योगदान देती है। हिंदी विभागध्यक्ष डा. मुकुल खंडेलवाल ने भी अपनी मातृभाषा राजस्थानी के इतिहास के उसकी लोकोक्ति और हिंदी लोकोक्ति के बारे में बताया। डा. अनुभा जयसवाल ने भारतेंदु की पंक्तियों के माध्यम से मातृभाषा के महत्व को बताया। संगोष्ठी में प्रियंका कुमारी ने हिंदी में कविता सुनाया। जया सिंह ने भोजपुरी, मामुनी दास ने बंगला, कंचन कुमारी ने मगही भाषा में गीत सुनाए। संगोष्ठी का संचालन रेश्मी श्रीवास्तव तथा धन्यवाद ज्ञापन पुतुल कुमारी ने किया। इस अवसर पर प्रिया कुमारी, शैल कुमारी, पूजा कुमारी, नेहा कुमारी, दीपा कुमारी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थी।