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Chhath Puja 2019 : मिथक को तोड़ रही हैं ये व्रतधारी, बेटियों के ल‍िए भी मां करती हैं छठ व्रत

Chhath Puja 2019. समाज में मिथक है कि बेटों की दीर्घायु के लिए छठ पूजा की जाती है। लेकिन कई ऐसी छठ व्रती हैं जो सिर्फ बेटियों की मां हैं और लंबे अरसे से छठ व्रत कर रही हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 11:34 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 11:34 AM (IST)
Chhath Puja 2019 : मिथक को तोड़ रही हैं ये व्रतधारी, बेटियों के ल‍िए भी मां करती हैं छठ व्रत
Chhath Puja 2019 : मिथक को तोड़ रही हैं ये व्रतधारी, बेटियों के ल‍िए भी मां करती हैं छठ व्रत

जमशेदपुर, जासं।  आस्था का महापर्व छठ के दौरान कई व्रती महिलाएं छठ मइया से पुत्री प्राप्ति की कामना भी करती हैं। समाज में मिथक है कि बेटों की दीर्घायु के लिए छठ पूजा की जाती है। लेकिन कई ऐसी छठ व्रती हैं जो सिर्फ बेटियों की मां हैं और लंबे अरसे से छठ व्रत कर रही हैं।

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अपना मकान बना तो करने लगी छठ

बारीडीह की रहने वाली माला सिन्हा पिछले 11 साल से छठ व्रत कर रही हैं। छठ को आस्था और विश्वास का अनुष्ठान मानकर उन्होंने व्रत शुरू किया। उन्हें एक बेटी है। माला सिन्हा का कहना है कि व्रत बेटा-बेटी के लिए नहीं, संतान के लिए किया जाता है। इस प्रकार के मिथक समाज को आगे बढऩे से रोकते हैं। उन्होंने बताया कि अपना मकान बनने के बाद से वह छठ व्रत कर रही हैं।

बेटियों की तरक्की के लिए छठ पूजा

बिरसानगर जोन नंबर छह की रहने वाली संगीता देवी पिछले छह वर्षों से छठ पूजा कर रही है। उन्हें दो बेटियां है। पूरे परिवार की कुशलता और बेटियों की तरक्की की कामना के लिए वह प्रति वर्ष छठ मइया से प्रार्थना करती हैं। उन्होंने बताया कि छठ पूजा भगवान भास्कर के प्रति आस्था और विश्वास के कारण करती है। छठी मइया श्रद्धालुओं की हर मनोकामना को पूरी करती हैं।

बेटा-बेटी में फर्क बेमानी : सविता

बेटा और बेटी में फर्क करना बेमानी है। एक मां के लिए दोनों ही संतान है। बिरसानगर जोन नंबर छह निवासी सविता देवी अपनी बेटी के साथ पूरे परिवार की कुशलता के लिए छठ व्रत करती हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 20 वर्षों से वह छठ व्रत कर रही है। उन्हें एक बेटी है। समाज में बेटों के लिए छठ व्रत करने समेत कई मिथक प्रचलित हैं जो निराधार है।

आस्‍था और व‍िश्‍वास पर टिकी है पूजा 

उन्नीस साल से कर रहीं छठ व्रत बालिगुमा स्थित सुकना बस्ती निवासी विमला देवी पिछले 19 वर्षों से छठ पूजा कर रहीं हैं। उनके दो बेटियां हैं। विमला ने बताया कि छठ पूजा करने के पीछे बेटा-बेटी कारण नहीं है। पूजा आस्था और विश्वास पर टिकी होती है। छठ बेटा -बेटी, जाति-समाज, ऊंच-नीच, गरीब-अमीर सबसे परे हटकर है। प्रकृति से जुड़े छठ महापर्व मनाने के लिए गलत नियम व नीति नहीं अपनाने चाहिए।

बेटे का कराना है मुंडन इसलिए शुरू कर रहीं छठ व्रत

सुकना बस्ती निवासी पूजा देवी इस वर्ष से महापर्व छठ शुरू कर रही हैं। बेटे का मुंडन इसी वर्ष कराना है। इसके लिए छठ मइया की आराधना शुरू कर रही हैं। बताया कि परिवार में उनकी सास सुमित्रा देवी पहले से छठ व्रत करती है। पहली बार छठ करने पर उन्हें अच्छा लग रहा है, खुशी महसूस हो रही है। कहा कि भगवान भास्कर की आराधना सौभाग्य की बात है। 


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