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मिशन एडमिशन : नर्सरी में नामांकन को कार्मल जूनियर कालेज ने भी छुआं 70 हजार का आंकड़ा

कोविड संक्रमण में भी जमशेदपुर के निजी स्कूलों ने अभिभावकों की जेब ढीली कराने की पूरी योजना बना ली है। कान्वेंट के बाद कार्मल जूनियर कालेज ने नर्सरी में एडमिशन को लगभग 70 हजार की फीस तय की है। अन्य स्कूल भी इसी तरह की फीस तय करेंगे।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 02:10 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 02:10 PM (IST)
मिशन एडमिशन : नर्सरी में नामांकन को कार्मल जूनियर कालेज ने भी छुआं 70 हजार का आंकड़ा
डीएवी बिष्टुपुर में परिचय सत्र के लिए उपस्थित अभिभावक व बच्चे।

जासं, जमशेदपुर : नामांकन शुल्क छुपाने वाले निजी स्कूलों का कारनामा लगातार सामने आ रहा है। मंगलवार को कार्मेल जूनियर कालेज सोनारी में प्रिंसिपल के साथ अभिभावक व बच्चों का संवाद कार्यकम था। स्कूल द्वारा नर्सरी में नामांकन को लेकर जारी की गई सूची के अभिभावक व बच्चे स्कूल पहुंचे। संवाद कार्यक्रम भी हुआ। उसके बाद अभिभावकों को एडमिशन स्लीप व सूचना पकड़ाई गई। इस स्लीप में कार्मल ने प्रवेश कक्षा में नामांकन को एक साल का शुल्क पूर्ण रूप से 69200 रुपए जमा करने की बात लिखी गई है। इस स्लीप को देखने के बाद कई अभिभावकों ने नामांकन शुल्क में वृद्धि की शिकायत प्रिंसिपल से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। स्कूल प्रबंधन की ओर से साफ कहा गया कि इस फीस को जमा करना होगा, तभी स्कूल में नामांकन हो पाएगा। मलूम हो कि इससे पहले सेक्रेड हार्ट कान्वेंट ने भी नर्सरी में नामंकन के लिए अभिभावकों को 73,600 रुपए का स्लीप थमाया गया है।

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शिक्षा मांगेगा स्कूलों से फीस ब्योरा

निजी स्कूलों द्वारा नामांकन शुल्क में लगातार की जा रही वृद्धि का मामला प्रकाश में आने के बाद जिला शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि वे सभी स्कूलों से पिछले साल का नामांकन शुल्क व इस साल का नामांकन की जानकारी मांगेगा। इस संबंध में गणतंत्र दिवस के बाद स्कूलों को पत्र भेजा जाएगा। जिला शिक्षा अधीक्षक विनीत कुमार ने बताया कि लगातार स्कूलों द्वारा नामांकन शुल्क में वृद्धि की जानकारी मिल रही है। इसका सत्यापन कराना जरूरी है। सत्यापन के पश्चात ही विभाग की ओर से कार्रवाई की अनुशंसा की जा सकती है।

कोविड संक्रमण में भी अभिभावकों के साथ छोटे बच्चे पहुंच रहे स्कूल

कोविड संक्रमण में भी अभिभावक एवं बच्चे स्कूल के प्रिंसिपल के साथ संवाद स्थापित करने के लिए स्कूल आ रहे हैं। शहर छह स्कूल में यह कार्य हो रहा है। इस दौरान तीन व साढ़े तीन साल के बच्चों को अभिभावक टोपी, जैकेट व स्वेटर पहनाकर स्कूल लेकर आ रहे हैं। यह अभिभावकों की मजबूरी भी है। अब यहां यह सवाल है कि कोविड दिशा निर्देश के अनुसार कैंपस में बिलकुल छोटे बच्चे का प्रवेश होना चाहिए या नहीं। कोविड गाइडलाइन के अनुसार किसी भी परिस्थिति में बच्चे को स्कूल बुलाना नहीं है। मालूम हो कि बच्चों के साथ संवाद स्थापित करने का कार्य सेक्रेड हार्ट कान्वेंट, लोयोला स्कूल, डीएवी बिष्टुपुर, कार्मल जूनियर कालेज, एमएनपीएस कर रहे हैं। लोयोला में गणतंत्र दिवस के दिन भी अभिभावक व बच्चों को बुलाया गया। यह कार्य आने वाले दिनों में चिन्मया टेल्को और एलएफएस टेल्को में भी होने वाला है। यह तो प्रशासनिक अमला ही तय करेगा कि निजी स्कूलों द्वारा परिचस सत्र और संवाद स्थापित करने का कार्य कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन है या नहीं।


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