Jharkhand Assembly Election 2019 : भाजपा उम्मीदवारों की चौथी सूची में भी सरयू का नाम नहीं, जमशेदपुर पूर्वी से भी खरीदा पर्चा
Jharkhand Assembly Election 2019. भाजपा की चौथी सूची से नाम गायब रहने के बाद मंत्री सरयू राय ने दो जगह से पर्चा खरीदा है। इसमें मुख्यमंत्री का क्षेत्र भी शामिल है।
जमशेदपुर, जेएनएन। Jharkhand Assembly Election 2019 भाजपा उम्मीदवारों की चौथी सूची से भी मंत्री सरयू राय का नाम गायब है। भाजपा ने शनिवार को दूसरे चरण के लिए तीन उम्मीदवारों की सूची जारी की। आजसू से रिश्ता टूटने के बाद पार्टी ने जुगसलाई सीट पर प्रत्याशी दे दिया है। जुगसलाई से मोची राम बाउरी को उम्मीदवार बनाया गया है। पश्चिमी सिंहभूम के जगन्नाथपुर से सुधीर सुंडी और रांची के तमाड़ से रीता देवी मुंडा को उम्मीदवारी दी गई है। इधर, सरयू राय ने शनिवार को जमशेदपुर पूर्वी और जमशेदपुर पश्चिमी से चुनाव लड़ने के लिए पर्चा खरीदा। जमशेदपुर पूर्वी सीएम रघुवर दास का चुनाव क्षेत्र है।
सरयू राय के दो जगह से पर्चा खरीदने से इस कयास को बल मिला है कि वे अंत तक इंतजार करेंगे और भाजपा से पश्चिमी से टिकट नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी से मैदान में उतरेंगे। जमशेदपुर के सियासी गलियारे में इस बात की जोरों पर चर्चा है कि सरयू ने पूरी रणनीति बना ली है और किसी पार्टी की बजाय निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। यही वजह से है कि उन्होंने शनिवार सुबह ही मुख्यमंत्री के क्षेत्र में समर्थकों की भारी भरकम फौज के साथ इंट्री मारी। उन्होंने टेल्को इलाके के दो मंदिरों में पूजा-अर्चना की। इस दौरान समर्थकों ने सरयू तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं, के नारे लगाए। हालांकि, इस दौरान मीडिया के लाख कुरेदने के बाद भी उन्होंने अपना पत्ता नहीं खोला और यही कहते रहे कि वे भाजपा के अनुशासित सिपाही हैं और उन्हें पार्टी के आदेश का इंतजार है।
मुख्यमंत्री के खिलाफ लड़ने पर सभी विपक्षी पार्टियां करेगी समर्थन
सरयू राय के करीबियों की माने तो उनकी लगभग सभी विपक्षी दलों से बात हो गई है और उन्हें इस बात का भरोसा दिया गया है कि रघुवर की राह रोकने के लिए सभी एकजुट होकर सरयू की मदद करेंगे और प्रत्याशी नहीं दिया जाएगा। झामिवो के घोषित प्रत्याशी ने भी मैदान से हट जाने की आश्वस्ति दी है। कांग्रेस और आजसू भी उम्मीदवार नहीं देगी।
रघुवर से रहा है छत्तीस का रिश्ता
मुख्यमंत्री रघुवर दास से सरयू राय की कभी नहीं बनी। सरकार में रहते हुए भी सरयू अपने बयानों से सरकार को ही कठघरे में खड़ा करते रहे हैं। अभी हाल ही उन्होंने जमशेदपुर में मालिकाना का मसला उठाकर भाजपा के लिए परेशानी पैदा की थी। जमशेदपुर पूर्वी में मालिकाना का मुद्दा बड़ा है। इसी मुद्दे पर यहां के चुनाव परिणाम तय होते हैं।