एमजीएम में कराह रही एचआइवी पीड़िता को हाथ नहीं लगाया डॉक्टर ने Jamshedpur News
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार की रात करीब 12 बजे एक गर्भवती दर्द से तड़पती रही और डॉक्टर ने उसे हाथ तक लगाना उचित नहीं समझा।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार की रात करीब 12 बजे एक गर्भवती दर्द से तड़पती रही और डॉक्टर ने उसे हाथ तक लगाना उचित नहीं समझा। करीब एक घंटे तक गर्भवती दर्द से परेशान रही।
इससे गर्भवती के आक्रोशित तीमारदार ने उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी को फोन कर घटना की जानकारी दी। उपाधीक्षक ने महिला एवं प्रसूति विभाग में तैनात चिकित्सकों को तत्काल इलाज शुरू करने का निर्देश दिया, तब जाकर उसे बेड मिला और स्लाइन चढ़ाई गई। रविवार को करीब 2.30 बजे ऑपरेशन से स्वस्थ बच्ची का जन्म हुआ। तब जाकर तीमारदारों ने राहत की सांस ली। स्वजनों ने उपाधीक्षक के काम से खुश होकर उनको बधाई दी।
दरअसल, 17 जनवरी को शाम पांच बजे गर्भवती को भर्ती किया गया। जांच कराने पर एचआइवी की पुष्टि हुई। इसके बाद से डॉक्टर उसे नजर अंदाज करने लगे और दूसरे अस्पताल जाने की बात दोहराते रहे। जब गर्भवती की प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी तो उसके तीमारदारों ने उपाधीक्षक को फोन कर घटना की जानकारी दी। वहीं उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी ने कहा कि हमारे लिए सभी मरीज एक समान है। किसी से भेदभाव नहीं किया जा सकता। जिस वक्त गर्भवती के स्वजनों ने फोन किया तब मैंने डॉक्टरों से संपर्क किया तो उन्होंने देर होने का ठोस कारण बताया है।
सबर बच्ची की मौत की होगी जांच
बीते शनिवार को महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक सबर बच्चे की कुपोषण से हुई मौत को लेकर रविवार को झारखंड ह्यूमन राइट्स कांफ्रेंस (जेएचआरसी) ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। साकची स्थित हावड़ा ब्रिज कार्यालय में आयोजित बैठक में सबर बच्चे की हुई मौत को लेकर एक टीम गठित का हई है। इसमें अधिवक्ता सलावत महतो, जगन्नाथ मोहंती, आरसी प्रधान, गुरमुख सिंह, ऋषि गुप्ता, रेणु सिंह, एनिमा दास शामिल हैं।
ये टीम मृतक के गांव जाकर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी और राष्ट्रीय मानवाधिकार से शिकायत की जाएगी। जेएचआरसी प्रमुख मनोज मिश्रा ने बताया कि झारखंड में कुपोषण लगातार नवजातों की जान ले रहा है। मगर, प्रशासन और सरकार मूक दर्शक बने हुए हैं। मनोज मिश्रा ने कहा कि मानवाधिकार आयोग ने पटमदा की संतोषी (8 माह) की कुपोषण एवं खून की कमी से हुई मौत मामले में उपायुक्त को जांच के आदेश दिया है।