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48 घंटे से एमजीएम अस्पताल में बिजली धड़ाम

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बिजली संकट

By Edited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 08:22 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 09:56 AM (IST)
48 घंटे से एमजीएम अस्पताल में बिजली धड़ाम
48 घंटे से एमजीएम अस्पताल में बिजली धड़ाम
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बिजली संकट गहरा गया है। बीते 48 घंटे से कई विभागों में बिजली गुल है। इससे जांच व इलाज सबकुछ अंधेरे में चल रहा है। अगर मामूली चूक हुई तो मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है। बिजली आपूर्ति ठप होने से एएनएम स्कूल, चर्म रोग ओपीडी, ब्लड बैंक, मातृ शिशु कल्याण यूनिट, पैथोलॉजी सेंटर सहित अन्य क्षेत्रों में अंधेरा छाया हुआ है। इन जगहों पर जांच व इलाज मोबाइल फोन की रोशनी में चल रहा है। अंधेरे की वजह से चर्म रोग ओपीडी में चिकित्सकों को दवा लिखने में दिक्कत हुई। पैथोलॉजी सेंटर में एक कर्मचारी मोबाइल की रोशनी दिखाता है तो दूसरा जांच करता है। एएनएम स्कूल की छात्राएं मोमबत्ती जलाकर पढ़ाई कर रहीं हैं। वहीं इंसिनरेटर मशीन की बिजली भी बीते 12 दिनों से गुल है। इससे बायो मेडिकल वेस्ट खुले में फेका जा रहा है। इसमें मरीज को चढ़ाये जाने वाले बल्ड के डिस्चार्ज पैकेट, डिस्चार्ज निडिल के अलावा कई तरह के खून से सने बायो वेस्ट शामिल होते हैं। इसके अलावा एचआइवी एड्स पॉजिटिव, हेपेटाइटिस सहित अन्य कई तरह के संक्रमित मरीजों के इस्तेमाल में लाए जाने वाले बायो मेडिकल वेस्ट भी इधर-उधर फेक दिया जा रहा है। संक्रमित मरीज के इस्तेमाल किये गये निडिल के संपर्क में आने से अस्पताल पहुंचने वाले मरीज के साथ-साथ उनके परिजन भी कई तरह की संक्रमित बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। ये पूरी तरह जानलेवा साबित हो सकता है। ----------- जेनरेटर नहीं कर रहा काम, मेडिकल वार्ड से ब्लक बैंक के मशीन को जोड़ा गया एमजीएम अस्पताल का जेनरेटर जंग खा रहा है। जिसके कारण आधे अस्पताल अंधेरा में डूबा हुआ है। जेनरेटर ठीक रहने से इन जगहों पर वैकल्पिक तौर पर बिजली आपूर्ति की जा सकती थी। ब्लड बैंक के भवन में बिजली नहीं है पर खून को सुरक्षित रखने के लिए मेडिकल वार्ड से जोड़ा गया है। जिससे ब्लड रखने वाले मशीन को बिजली मिल सकें। ------------- बायो मेडिकल वेस्ट से नुकसान - वेक्टर्स (मक्खी, मच्छर सहित अन्य कीड़े मकोड़े) के जरिए अस्पताल आने वाले तथा आस-पास के लोगों में गंभीर इंफेक्शन वाली बीमारी के फैलने का खतरा। - संक्रमित बीमारियों वाले मरीज के इस्तेमाल में लाई गई निडिल, ब्लेड से इंज्यूरी होने तथा उसके संपर्क में आने से जानलेवा बीमारी का खतरा। - निडिल, ट्यूब्स, ब्लेड जैसी वस्तुओं से इंफेक्शन का खतरा। ------------ केबुल ब्लास्ट होने के कारण बिजली की समस्या उत्पन्न हुई है। उसे दुरुस्त करने का काम चल रहा है। जहां पर बिजली जरूरी है, वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति करने की कोशिश की जा रही है। - डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम।

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