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इ कइसन टाटा, एकरा से निमन त हमार बिहार बा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल से शव ले जाने

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Aug 2018 01:46 AM (IST)Updated: Sat, 25 Aug 2018 01:46 AM (IST)
इ कइसन टाटा, एकरा से निमन त हमार बिहार बा
इ कइसन टाटा, एकरा से निमन त हमार बिहार बा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल से शव ले जाने के लिए तीर्थयात्रियों को एंबुलेंस नहीं मिला तो वे जमकर हंगामा किए। सुबह करीब 10 बजे अधीक्षक डॉ. एसएन झा जैसे ही अपने कार्यालय पहुंचे वैसे ही तीर्थयात्रियों ने उन्हें घेर लिया और हंगामा करने लगे। इस दौरान वे शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग कर रहे थे। करीब आधे घंटे तक सभी तीर्थयात्री अधीक्षक चैंबर में डटे रहे। इसके बाद अधीक्षक ने एसडीओ से बात की और तीर्थयात्रियों की समस्या बतायी। इसे एसडीओ माधवी मिश्रा ने गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन डॉ. महेश्वर प्रसाद को तत्काल एंबुलेंस उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इसके बाद उन्हें एक एंबुलेंस मिला और तीनों शव को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के भवानीपुर गांव के लिए भेजा गया। तीर्थयात्रियों में आक्रोश इतना तेज था कि वे लोग स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर मदद न करने और मानवता को शर्मसार करने का भी आरोप लगाते रहे। उनलोगों का कहना था कि इतना बड़े हादसे से वे लोग सदमे में है और एंबुलेंस के लिए उन्हें दौड़ाया जा रहा है।

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'इ कइसन टाटा, एकरा से निमन त हमार बिहार बा।' ये अल्फाज पीड़ितों के हैं। उनलोगों ने कहा कि ऐसी विकट स्थिति में पूरा गांव खड़ा हो जाता है और सबकुछ का व्यवस्था कर देता है। लेकिन यहां के अधिकारी भी मदद नहीं कर रहे है। तीर्थयात्रियों को सुबह सात बजे से ही दौड़ाया जा रहा था। भवानीपुर निवासी रूपनरायण ठाकुर ने कहा कि उनसे अस्पताल के एक कर्मचारी ने कहा कि परसुडीह स्थित सिविल सर्जन कार्यालय से एंबुलेंस मिल जाएगा। इसके बाद ये लोग वहां गये तो वहां से यह कहकर लौटा दिया गया कि शव का पोस्टमार्टम एमजीएम में हुआ है, इसलिए एंबुलेंस भी वहीं से मिलेगा। इसके बाद सभी लोग लौट गए। यहां एमजीएम में अधीक्षक से एंबुलेंस की मांग की गई तो उन्होंने कहा कि मेरे यहां शव ले जाने वाला एंबुलेंस नहीं है। ऐसे में मैं असमर्थ हूं। इसके बाद उन्होंने एसडीओ से बात की और एसडीओ ने तत्काल सिविल सर्जन को निर्देश दिया।

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एमजीएम से सभी घायलों को हुआ छुंट्टी

बुधवार की रात बहरागोड़ा से कुछ दूरी पर स्थित जामशोल के शिरीश टोला चौक के समीप हुई दुर्घटना के बाद सभी घायलों को एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी। वहीं करीब 60 लोग घायल थे। मृतकों में विश्वनाथ कुशवाहा की पत्नी चंद्रावती देवी (45), जोखू राम का छह वर्षीय पुत्र मनदीप राय और शमशेर की पत्नी अमरावती देवी उर्फ तारा (50) शामिल हैं। गुरुवार की शाम तीनों शव का पोस्टमार्टम एमजीएम कॉलेज में हुआ। शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे तीनों शव को एक एंबुलेंस से भवानीपुर गांव भेज दिया गया। 16 अगस्त को सभी तीर्थयात्री बस से तीर्थ के करने के लिए निकले थे। सबसे पहले ये लोग सुल्तानगंज गए। वहां से जल लेकर देवघर पहुंचे। वहां पूजापाठ करने के बाद बासुकीनाथ व कोलकाता स्थित गंगा सागर गए। वहां से ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन को पहुंचे। भगवान जगन्नाथ के दर्शन के बाद वे लोग राजगीर (बिहार) जा रहे थे। तभी हादसा हो गया। अस्पताल में भर्ती सभी तीर्थयात्रियों को छुंट्टी हो गई है।

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एमजीएम के किचन में नहीं बना खाना, होटल में कराया गया भोजन

एमजीएम अस्पताल की ओर से सभी तीर्थयात्रियों को सुबह में नाश्ता कराया गया और दोपहर के भोजन के लिए भी किचन के कर्मचारियों को कहा गया था। कर्मचारियों ने खाना नहीं बनाया। इसकी सूचना झारखंड राज्य स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री अमरनाथ सिंह को हुई तो उन्होंने एक होटल में सभी तीर्थयात्रियों को भोजन कराया। इसके बाद भवानीपुर गांव के लिए सभी को बस में बैठा दिया। बस का टिकट भवानीपुर गांव के ही एक समाजसेवी राकेश यादव ने बनवाया। साढ़े चार बजे सभी तीर्थयात्री एमजीएम से मानगो बस स्टैंड के लिए रवाना हो गए।

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