जहां मानवता है वहीं मानस : नीरज
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मानस सत्संग समिति के तत्वावधान में जम्मूवाले बाबा के नेतृत्व में सरका
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मानस सत्संग समिति के तत्वावधान में जम्मूवाले बाबा के नेतृत्व में सरकारी कुंआ मैदान बिरसनागर में आयोजित श्रीराम लला जन्म महोत्सव रविवार को प्रारंभ हुआ। सुबह मानस प्रवक्ता पंडित अभिषेक पाठक एवं कृतिका बाबा ने सीता राम की पूजा कर नवाह पारायण पाठ किया। शाम को वाराणसी से आए युवा संत आचार्य नीरज मिश्रा ने श्रीराम कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि श्रीरामचरित मानस मानव मात्र का ग्रंथ है। जहां मानवता है, वहीं मानस है। मानवता नहीं तो मानस नहीं। रामचरित मानस श्रद्धा विस्वास के साथ कही-सुनी जाए तो जीवन की आधी व्याधि मिट जाती है और मनोवाछित फल की प्राप्त होती है। इस बासंतिक नवरात्र के अवसर पर श्री रामलला जन्म महोत्सव का शुभ सौभाग्य प्राप्त हुआ और सारी पूर्णता दृष्टिगोचर हो गई।
नवरात्र के साथ रामजी का जन्म नवमी को हुआ है। जीवन में ग्रहों की चाल भी नौ ही है। नौ रात्रि की देवी भी नौ ही हैं। रामजी ने भक्ति का उपदेश नौ ही किया। गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीराम चरितमानस की रचना भी नवमी तिथि से की और अंत मे श्रीराम चरितमानस का नाम भी नौ ही अक्षर का हुआ। इसलिए अपूर्ण जीवन में पूर्ण समय के अंतर्गत पूर्ण ब्रह्म की चर्चा, श्रवण करना परम सौभाग्य का विषय है। मानस वर्ण शब्द से प्रारंभ होता है और मानवा शब्द पर विश्राम होता है। वर्ण में चारों वर्ण होते है ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। हमारे कुछ ऐसे धर्म ग्रंथ हैं जिसका अधिकार कुछ ही वर्णो को प्राप्त है, लेकिन गोस्वामी तुलसीदास ने राम चरितमानस के अंतिम शब्द में मानवा शब्द लिख कर यह सिद्ध कर दिया कि इसका अधिकार कुछ वर्णो को नहीं बल्कि जहां तक मानवता है चाहे जिस वर्ण का है उसका ये ग्रंथ है। 24 मार्च को भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीराम यज्ञ एवं मेला प्रारंभ होगा।