Fight Against Corona : कोरोना से निपटने के लिए बना खास मास्टर प्लान, ऐसी है पुख्ता तैयारी Jamshedpur News
Fight Against Corona. पूर्वी सिंहभूम जिले में कोरोना से निपटने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इसमें सभी छोटे-बड़े अस्पतालों को शामिल कर उसे तीन भागों में बांंटा गया है।
जमशेदपुर,अमित तिवारी। Fight Against Corona देशभर में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। इससे निपटने को लेकर पूर्वी सिंहभूम जिले में मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इसमें सभी छोटे-बड़े अस्पतालों को शामिल कर उसे तीन भागों में बांंटा गया है। पहला कोविड केयर सेंटर, दूसरा डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर व तीसरा डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है।
तीनों सेंटरों में बेड की कुल संख्या 1099 है। सभी सेंटर में अलग-अलग किस्म के मरीज व उसके अनुसार सुविधाएं उपलब्ध होगी। जिले में कुल 195 बेड के 12 कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं। इसमें आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), पोटका प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), सोनारी स्थित भारत सेवा आश्रम, भिलाईपहाड़ी स्थित संत जोसफ हॉस्पिटल व टाटा मोटर्स हॉस्पिटल, नेपाल हाउस शामिल हैं। वहीं, 284 बेड के चार डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर है। इसमें 160 बेड रेलवे कोच में बनाया गया है। जबकि 620 बेड के डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है।
कोविड केयर सेंटर
यहां कोरोना के संदिग्ध मरीजों या हल्के या बहुत हल्के लक्षणों वाले मरीजों को रखा जाएगा। ऐसे सेंटर में संक्रमित और संदिग्ध मरीजों के लिए अलग-अलग सेक्शन बनाए जाएंगे। इनमें आने-जाने का रास्ता अलग होगा, ताकि जिनके टेस्ट निगेटिव आएं उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके। यहां बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस 24 घंटे मौजूद रहेगी। ताकि किसी मरीज का मामला गंभीर होने पर उसे बेहतर इलाज के लिए दूसरे सेंटर पर सुरक्षित भेजा जा सके।
यहां कैसे होगा इलाज
- संदिग्ध मरीजों का नमूना लिया जाएगा। रिपोर्ट आने तक वह यहीं पर रहेंगे। निगेटिव आने पर छुट्टी कर दिया जाएगा।
- यदि कोई टेस्ट में कोराना वायरस से संक्रमित पाया गया तो उसे संक्रमित मरीजों के सेक्शन में भेज दिया जाएगा
- यदि किसी मरीज की स्थिति गंभीर होती है तो उसे उच्च सेंटर पर भेजा जाएगा।
- चिकित्सीय देखभाल के अलावा इन सेंटरों में स्थानीय प्रशासन द्वारा खाना, साफ-सफाई की सुविधाएं और काउंसिलिंग आदि उपलब्ध कराई जाएगी।
डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर
यहां कोरोना वायरस के मध्यम लक्षणों वाले मरीजों को भर्ती किया जाएगा। सेंटर में अलग प्रवेश और निकासी की व्यवस्था होगी। इन सेंटरों में भी संक्रमित और संदिग्ध मरीजों को संपर्क में आने से बचाने के लिए अलग-अलग रखा जाएगा। इन अस्पतालों में ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड मौजूद होंगे। यहां बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस 24 घंटे मौजूद रहेगी।
यहां कैसे होगा इलाज
- यहां मरीजों को भर्ती करके उनकी निगरानी और टेस्ट किया जाएगा। संदिग्ध मरीज अगर पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उन्हें संक्रमित मरीजों के सेक्शन में भेज दिया जाएगा।
- यदि कोई मरीज निगेटिव पाया जाता है तो उसे ऐसे अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा जहां पर कोविड के मरीज नहीं आते और अन्य बीमारियों के लिए इलाज किया जाता है।
- यदि यहां भर्ती किसी मरीज के लक्षण गंभीर हो जाते हैं तो उसे डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा।
डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल
यहां कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाएगा। ये पूर्ण अस्पताल होंगे या अस्पतालों के भीतर अलग ब्लॉक होंगे। इनमें सभी उपकरणों से सुसज्जित सघन चिकित्सा इकाई (आईसीयू), वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बिस्तर होंगे। डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर या कोविड केयर सेंटर से रेफर किए गए मरीजों को भी यहां भर्ती किया जा सकेगा।
यहां कैसे होगा इलाज
- यहां पर संक्रमित मरीजों को सीधे आइसीयू में रखा जाएगा। जो संदिग्ध मरीज हैं वो भी कोविड-19 टेस्ट के नतीजे आने तक आइसीयू में ही भर्ती होंगे।
- यदि टेस्ट पॉजिटिव आता है तो मरीज का आइसीयू में ही रखकर इलाज किया जाएगा। टेस्ट निगेटिव आने पर जरूरत के मुताबिक इलाज होगा।
कहां-कहां कोविड केयर सेंटर
जगह बेड
- सीएचसी, डुमरिया 05
- सीएचसी, धालभूमगढ़ 05
- सीएचसी, पटमदा 10
- सीएचसी, जुगसलाई 10
- सीएचसी, बाहरागोड़ा 10
- सीएचसी, घाटशिला 10
- सीएचसी, मुसाबनी 10
- सीएचसी, चाकुलिया 10
- पीएचसी, पोटका 05
- भारत सेवाश्रम संघ, सोनारी 20
- संत जोसफ हॉस्पिटल, भिलाईपहाड़ी 50
- टाटा मोटर्स हॉस्पिटल, नेपाल हाउस 50
यहां बना डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर
जगह बेड वेंटिलेटर
- एमजीएम अस्पताल 100 00
- सदर अस्पताल 10 00
- रेलवे कोच 160 00
- यूसिल हॉस्पिटल 14 01
620 बेड का डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल
जगह बेड
- टीएमएच 600
- टाटा मोटर्स 20
क्रिटिकल केयर बेड
- टीएमएच 73
- टाटा मोटर्स 03
ये कहते स्वास्थ्य मंत्री
कोविड संक्रमित मरीजों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिया जा रहा है। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम बेहतर समन्वय के साथ काम कर रही है। लोगों को भी जागरुक होने की जरूरत है और पूरी सहयोग की अपेक्षा है। जो लोग बाहर से आए हुए है, उन्हें खुद ही अपनी जांच करा लेना चाहिए। ताकि उनके घर, परिवार, समाज व बस्ती में संक्रमण फैलने का खतरा नहीं रहें।
- बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री।