दो दिन की बारिश से भारी तबाही,पश्चिमी सिंहभूम के ईठर गांव में कई घर ढहे
दो दिन की लगातार बारिश में घर के बाहर या घर के अंदर जहां देखें पानी ही पानी। पश्चिमी सिंहभूम के कुमारडुंगी प्रखंड का ईठर गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया है। बरसात का पानी गांव के लगभग 20 घरों में घुस रहा है।
कुमारडुंगी ( पश्चिम सिंहभूम), जासं। दो दिन की लगातार बारिश में घर के बाहर या घर के अंदर जहां देखें पानी ही पानी। पश्चिमी सिंहभूम के कुमारडुंगी प्रखंड का ईठर गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया है। रविवार व सोमवार को हुई बारिश में ईठर गांव का नीचे टोला पूरी तरह से जलमग्न हो गया है।
बरसात का पानी गांव के लगभग 20 घरों में घुस रहा है। इस कारण से कच्ची मिट्टी की दीवारें गीली पड़ गई हैं। घर ढहने लगे हैं।लोगों ने बताया कि प्रत्येक वर्ष गांव में जलजमाव के कारण कई लोगों के घर ढह जाते हैं। कई परिवार बेघर हो जाते हैं। पीड़ित परिवार मुआवजा की मांग करते हैं, पर मुआवजा नहीं मिलता है। इस कारण से लोग मुआवजा मांगना ही भूल गए।
तीन घर ढहे, दर्जनों घर की दीवार ढहने के कगार पर
ईठर गांव के रवि दास ने बताया कि इस बार गांव में बरसात का पानी जमने के कारण धर्मेन्द्र बोयपाई, सुंदु कुई व बुधराम दास का घर ढह चुका है। दर्जनों घर की दीवार गिली हो गई है। ये घर कभी भी ढह सकते हैं। इसके बारे में प्रशासन को जानकारी दी गई है। दीवार गिली होने के कारण लोग रात को पुरी नींद सो नहीं पा रहे। रतजगा करने को मजबूर हैं। प्रत्येक वर्ष कई घर ढह जाते हैं। उपर बस्ती से सारा गंदा पानी बहकर हमारे घरों में घुस जाता है। पानी में रहनेवाले जलजीव घरों में आ जाते हैं।
नहीं मिलता है मुआवजा इसलिए नहीं कर रहे आवेदन
ईठर गांव निवासी धर्मेन्द्र बोयपाई ने बताया कि पानी जमने के कारण मेरा घर ढह गया है। इसकी जानकारी भोंडा पंचायत की मुखिया पिंकी पाठ पिंगुवा को दी गई है। मुखिया आकर घरों को देखकर चलीं गई। पिछले वर्ष नरेश दास व मोहन गोप का घर ढह गया था। मुआवजे के लिए काफी दौड़ लगाई पर मुआवजा आज तक नहीं मिला।