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एजबेस्टस से हुए नुकसान की भरपाई को खींचा गया खाका Chaibasa News

प्रभावित चार गांवों के 347 लोगों के पीएफ भुगतान को फार्म जमा करने के लिए 2 सितंबर को लगेगा शिविर। उपायुक्त की अध्यक्षता वाली जिलास्तरीय कमेटी की बैठक में तीन घंटे चला मंथन।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 07:54 AM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 01:55 PM (IST)
एजबेस्टस से हुए नुकसान की भरपाई को खींचा गया खाका Chaibasa News
एजबेस्टस से हुए नुकसान की भरपाई को खींचा गया खाका Chaibasa News

चाईबासा, जासं। पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा से करीब 20 किलोमीटर दूर रोरो गांव में अवस्थित एजबेस्टस माइंस (वर्तमान में बंद) से होने वाले प्रदूषण को रोकने एवं प्रभावित लोगों को राहत देने को कई स्तर पर योजनाएं चलेंगी। इसको लेकर बुधवार को उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में बनी जिलास्तरीय कमेटी की बैठक हुई। बैठक में रोरो मांइस प्रभावित क्षेत्र में रह रहे वासियों के लिए प्रमुख बिंदु के रूप में पीएफ भुगतान, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, डंपिंग एरिया में भूमि सुधार सहित अन्य विषयों पर चर्चा हुई।

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बैठक के उपरांत उपायुक्त ने बताया कि रोरो क्षेत्र से 347 आवेदन पीएफ भुगतान से संबंधित प्राप्त हुए हैं। ऐसे सभी व्यक्तियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रोविडेंट फंड के निदेशक से संपर्क करते हुए आगामी 2 सितंबर को एनजीटी से प्राप्त आदेश के आलोक में एक शिविर का आयोजन किया जाएगा क्योंकि आवेदक के द्वारा जिस प्रारूप में आवेदन दिया गया है उसे प्रोविडेंट फंड कार्यालय के द्वारा अस्वीकृत करते हुए नया प्रारूप उपलब्ध करवाया गया है। शिविर के माध्यम से क्षेत्र के 4 गांव में अलग-अलग तिथि को आवेदकों के द्वारा नए प्रारूप में पुनः आवेदन प्राप्त किया जाएगा।

संक्रमण का शिकार हुए ग्रामीणों का बनेगा आयुष्यमान कार्ड

इसी प्रकार क्षेत्र के व्यक्ति जो एसबेस्टोसिस से संक्रमित हुए हैं उन सभी के लिए आयुष्मान भारत का कार्ड बनाने का कार्य जिला प्रशासन के द्वारा किया जाएगा तथा वैसे व्यक्ति जिनका नाम राशन कार्ड में दर्ज नहीं है वैसे व्यक्तियों को राशन कार्ड उपलब्ध करवाते हुए आयुष्मान कार्ड उपलब्ध करवाया जाएगा।

हरियाली वापस लाने को भी चलेगा काम

क्षेत्र को पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए या वैसे क्षेत्र जहां हरियाली बिल्कुल समाप्त हो चुकी है वहां हरियाली वापस लाने के लिए नेशनल एनवायरमेंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट(एनईआरआई) के अभियंताओं से भी संपर्क करते हुए प्राक्कलन तैयार किया गया है तथा पूरे क्षेत्र के लिए भी एक डीपीआर तैयार किया जाएगा।

प्रदूषण फैलाने वाली कंपनी से वसूला जायेगा मुआवजा

उपायुक्त ने बताया कि उपर्युक्त बिंदुओं का मूल्यांकन करते हुए प्रदूषण फैलाने वाले कंपनी हैदराबाद एजबेस्टस सीमेंट प्रोडक्ट लिमिटेड से मुआवजा वसूला जाएगा तथा राष्ट्रीय हरित प्राधिकार के माध्यम से संबंधित प्रदूषण फैलाने वाली संस्था के समक्ष क्लेम को रखा जाएगा। उस क्षेत्र में जितना पर्यावरण का नुकसान हुआ है तथा क्षेत्र में पुनः हरियाली वापस लाने में जो संबंधित खर्च आएगा के साथ-साथ डीपीआर बनाने के लिए टेंडर निकाला जाएगा। 


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