चार माह बाद जगेंगे भगवान विष्णु, जानिए देवोत्थान एकादशी का महत्व
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी को भगवान श्री हरि विष्णु चार मास के लिए क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। देवोत्थान एकादशी के दिन ही जागते हैं।
जमशेदपुर, जेएनएन। देवाेत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह बाद जगेंगे। इस तिथि का खास महत्व है। इस बार देवाेत्थान एकादशी 19 नवंबर सोमवार को है। इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी होता है। तुलसी व विष्णु स्वरुप शालिग्राम का पूरे विधि-विधान के साथ विवाह कराया जाता है।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान शालिग्राम का विवाह तुलसी से हुआ था। श्रीकृष्ण भगवान विष्णु जी के आठवें अवतार हैं। तुलसी का विवाह शालिग्राम रूपी भगवान श्रीकृष्ण से किया जाता है। लोग अपने घरों में प्रबोधनी एकादशी का व्रत करते हैं। तुलसी विवाह के बाद प्रसाद बांटा जाता है।
धार्मिक रूप से है खास महत्व
हिन्दू धर्म में तुलसी का खास महत्व होता है। इसका धार्मिक महत्व तो है ही, साथ में इसका वैज्ञानिक महत्व भी है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तुलसी में स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं। धार्मिक रूप से इसका खास महत्व है। तुलसी माता को मां लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है, जिनका विवाह शालीग्राम भगवान से हुआ था। शालीग्राम दरअसल, भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का ही रूप माने जाते हैं।
देवशयनी एकादशी को चले गए थे क्षीर सागर
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी को भगवान श्री हरि विष्णु चार मास के लिए क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। देवउठनी या देवोत्थान एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु चार मास बाद जागते हैं। तुलसी जी को विष्णु प्रिया भी कहा जाता है, इसलिए देव जब उठते हैं तो हरिवल्लभा तुलसी की प्रार्थना ही सुनते हैं। धार्मिक मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति को कन्या नहीं है और वह जीवन में कन्या दान का सुख प्राप्त करना चाहता है तो वह तुलसी विवाह कर प्राप्त कर सकता है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर में तुलसी जी की पूजा होती है, उस घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं रहती। तुलसी विवाह के साथ ही विवाह और मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है।
तुलसी विवाह तिथि : सोमवार 19 नवंबर, 2018 देवउठनी एकादशी। कई जगहों पर तुलसी विवाह एकादशी के अगले दिन यानी कि द्वादशी के दिन होता है। द्वादशी मंगलवार 20 नवंबर 2018 को है।
तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त
-द्वादशी तिथि आरंभ: 19 नवंबर 2018 को दोपहर 2:29 बजे
-द्वादशी तिथि समाप्त: 20 नवंबर 2018 को दोपहर 2:40 बजे