करोड़ों की लागत से बनाए गए कौशल विकास केंद्र, लटक रहे ताले Jamshedpur News
स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण देने का सपना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का था लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण प्रधानमंत्री का रोजगार देने का सपना मृत्युशय्या पर पड़ा है।
जमशेदपुर, मनोज सिंह। दूसरों को रोजगार देने वाला आज खुद बेरोजगार है। बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए जमशेदपुर में तीन स्थानों पर करोड़ों के लागत से प्रशिक्षण केंद्र सह सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था। इसमें मानगो के पारडीह, कदमा के मेरीन ड्राव तथा तथा जुगसलाई में आरपी पटेल स्कूल के पास बनाए गए।
इसे विडंबना ही कहेंगे कि बेरोजगारों को रोजगार देने, स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण देने का सपना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का था, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण प्रधानमंत्री का रोजगार देने का सपना मृत्युशय्या पर पड़ा है। मानगो, जुगसलाई व कदमा बड़े-बड़े भवन तो बना लिए गए, लेकिन उसमें ताले लटक रहे। जब भवन का उद्घाटन हुआ था तब उपस्थित बस्तीवासियों को बड़े-बड़े सपने दिखाए गए थे, नौकरी के साथ ही स्वरोजगार का सपना, लेकिन लोगों का सपना महज सपना ही रह गया। बड़े अरमानों से बने कौशल विकास केंद्र को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए भवन में दुकान बनाए गए थे, लेकिन आज वह पशुओं का बसेरा है।
कौशल विकास केंद्र, पारडीह
मानगो के पारडीह में बनाए गए कौशल विकास केंद्र के संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि खुलने के बाद से आज तक इसमें किसी का प्रशिक्षण नहीं दिया गया। लोगों ने बताया कि कभी-कभी मानगो नगर निगम के अधिकारी बैठक करने आते हैं। इसके अलावा यह वीरान रहता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि रात के समय में यहां पर असमाजिक तत्वों का अड्डेबाजी होती है। दूर-दूर से युवक नशा करने के लिए आते हैं। यहां कभी भी बड़ी घटना घट सकती है।
मेरीन ड्राइव, कदमा
कदमा के मेरीन ड्राइव में बनाए गए कौशल विकास केंद्र का एक करोड़ की लागत से अत्याधुनिक भवन बनकर तैयार 2016 में हो गया था। मंत्री सरयू राय व सांसद विद्युत वरण महतो ने भवन का शुभारंभ किया था। लेकिन उसके बाद आज तक दुबारा यहां किसी को प्रशिक्षण दिया ही नहीं गया। यह भवन बेकार व वीरान हो गया है। जहां अड्डेबाजी के अलावा कुछ नहीं होता।
कौशल विकास केंद्र, जुगसलाई
जुगसलाई के आरपी पटेल स्कूल के पास बने कौशल विकास केंद्र का शुभारंभ सांसद विद्युत वरण महतो व जुगसलाई के विधायक रामचंद्र सहिस ने किया था। नगर विकास विभाग के फंड से बनाए गए कौशल विकास केंद्र का यह हाल है कि इसमें ताला लगाकर छोड़ दिया गया है।
भवन में चलाया जाए रेफरल अस्पताल : मंत्री सरयू
जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सह खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि मानगो व कदमा में बंद पड़े कौशल विकास केंद्र के संबंध में उपायुक्त से बात की गई थी, लेकिन किस कारणवश इसे नहीं चलाया जा रहा है। इस संबंध में दोबारा जानकारी लेंगे। उन्होंने बताया कि पारडीह में बने भवन में रेफरल अस्पताल चलाए जाने का सुझाव हमने सिविल सर्जन को दिया है, क्योंकि पारडीह क्षेत्र में एक रेफरल अस्पताल की जरुरत है।
जिम्मेवार अधिकारी पर हो कार्रवाई : सांसद विद्युत
बंद पड़े कौशल विकास केंद्र के संबंध में पूछने पर जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि जिम्मेवार अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है कौशल विकास केंद्र। उन्होंने कहा कि दिल्ली से आकर वह मुख्यमंत्री व उपायुक्त से आकर वार्ता करेंगे कि आखिर किस परिस्थिति में कौशल विकास केंद्र नहीं चल रहा है।
क्या कहते हैं लोग
सरकार हम गरीबों के पैसा से भवन बना दिया। लोगों को नौकरी देने का सपना दिखाकर निकल गए। आम जनता को बरगलाने का काम किया। आज इतना बड़ा बिल्डिंग बेकार पड़ा हुआ है। इसे चालू करना चाहिए। --झंटू धीवर, पारडीह
सरकार बिल्डिंग बना दिया, लेकिन इसमें आज तक किसी बेरोजगार को रोजगार के लिए कुशल नहीं किया गया। देखभाल नहीं होने के कारण इतना बड़ा व महंगा बिल्डिंग जर्जर हो रहा है।
-- राहुल मिश्रा, पारडीह
भवन बन गया, अधिकारियों को कमीशन मिल गया, इसके बाद जनता की कोई सुध नहीं। आखिर हमारे सांसद व विधायक क्या कर रहे हैं। भवन बनाने के समय तो जनता को खूब सपने दिखाए गए थे।
-- भरत कालिंदी, मानगो
प्रशिक्षण केंद्र जल्द से जल्द चालू होना चाहिए। आखिर क्या कारण है कि इतने बड़े भवन बनाए गए, दुकान बनाए गए, लेकिन इसे चालू नहीं किया गया।
- नरेश कुमार, मानगो
सही से प्रशिक्षण केंद्र चलता तो सैकड़ों बेरोजगार हुनरमंद हो सकता था। आखिर सरकार बड़े-बड़े बिल्डिंग क्यों बनाती है, जो आम जनता के लिए कोई काम का न हो। उपायुक्त व क्षेत्र के विधायक को संज्ञान लेना चाहिए।
--राहुल कुमार सिंह, जुगसलाई
जुगसलाई में बनाए गए कौशल विकास केंद्र को खोला जाना चाहिए। इसके खुलने से पढ़े लिखे लोग प्रशिक्षण लेकर रोजगार हासिल कर ही सकते हैं, लेकिन वैसे लोग स्वरोजगार के लिए प्रेरित होंगे जो पढ़े लिखे नहीं हैं।
- प्रमोद मिश्रा, जुगसलाई