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कोरोना के साथ बदलेगा लाइफस्टाइल, फैशन में शुमार होगा मैचिंग मास्क, बच्चे भी होंगे ट्रेंड

कोरोना के साथ अब जीने की आदत डालनी होगी। यह बात लोग मानने लगे हैं कि वायरस से बचाव के लिए जीवन में कई नए बदलाव करने होंगे।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 07:12 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 07:12 PM (IST)
कोरोना के साथ बदलेगा लाइफस्टाइल, फैशन में शुमार होगा मैचिंग मास्क, बच्चे भी होंगे ट्रेंड
कोरोना के साथ बदलेगा लाइफस्टाइल, फैशन में शुमार होगा मैचिंग मास्क, बच्चे भी होंगे ट्रेंड

जमशेदपुर (अमित तिवारी)। कोरोना के साथ अब जीने की आदत डालनी होगी। यह बात लोग मानने लगे हैं कि वायरस से बचाव के लिए जीवन में कई नए बदलाव करने होंगे। इसमें फैशन, लाइफस्टाइल से लेकर बच्चों को बीमारी से बचने के लिए ट्रेंड करने तक शामिल होगा।

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ऐसा होता दिख भी रहा है। आदित्यपुर की प्रीति पांडे की डिजाइनर मास्क इन दिनों खूब पसंद की जा रही है। अबतक करीब 500 लोगों ने अपने कपड़ों के अनुसार उनसे मैचिंग मास्क बनवाया है। प्रीति कहतीं है कि मास्क अब जीवन का हिस्सा बन गया है। इसे देखते हुए महिला, पुरुष व बच्चे सभी मैचिंग व डिजाइनर मास्क बनवा रहे हैं।

मैचिंग व डिजाइनर मास्क 

मैचिंग व डिजाइनर होने से महिलाएं साड़ी, सूट, कुर्ता, पैजामा के साथ इसे पहनकर किसी भी शादी समारोह में शामिल हो सकती है। वहीं, पुरुष भी कोर्ट, पैंट के साथ इस मास्क को पहन सकते हैं। इधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पूर्व अध्यक्ष सह महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रचार्य डॉ. एसी अखौरी, आइएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरएल अग्रवाल भी इससे निपटने की रणनीति बनाने में जुटे हैं ताकि इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को पहुंचा कर उन्‍हें प्रेरित किया जा सके और आगे इस बीमारी को रोका जा सके। 

अंगूठी, बेल्ट, कड़ा पहनने से बचना होगा, बढ़ेगा कॉटन बेल्ट का चलन

लाइफस्टाइल में शामिल अंगूठी, चमड़े का बेल्ट, मोटे आकार वाला कड़ा, कॉस्टमेटिक आइटम, नाक-कान का बड़े आकार वाला ज्वैलरी पहनने से बचने की सलाह दी जा रही है। ऐया इसलिए क्योंकि इसे बार-बार न तो धोया जा सकेगा और न ही सैनिटाइज करते रहना संभव है। कई लोग अपनी पांचों अंगुलियों में अंगुठी पहनते हैं। इससे भी बचने की जरूरत है। चमड़े के बेल्ट की जगह पर प्लास्टिक या कॉटन का बेल्ट का चलन बढ़ेगा। इसे धोने के साथ सैनिटाइज भी किया जा सकेगा। 

इम्यूनिटी बढ़ाने पर होगा जोर

शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। इससे कोरोना वायरस ही नहीं और भी कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकेगा। वहीं, अस्पतालों की आधारभूत संरचना मजबूत करना भी सरकार की प्राथमिकता में शामिल होगी। अभी देखा गया कि कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में एक भी वेंटिलेटर नहीं है, जो पूरे प्रदेश के लिए दुखद है। 

हफ्ते में एक दिन ही बाजार जाने की बनेगी आदत 

भीड़-भाड़ वाले जगहों पर नहीं जाने की की मानसिकता बनेगी। ऐसे में ऑनलाइन मार्केट पर ज्यादा फोकस रहेगा। लोगों से आग्रह किया जाएगा कि हफ्तेभर की खरीदारी एक ही दिन कर लें। बाजार में कैश के लेनदेन से बचें। जाहिर है डिजिटल पेमेंट अधिक होगा क्योंकि सिक्के व रुपये के नोट से भी वायरस फैलने का खतरा है। सब्जी को अच्छी तरह से धोकर लोग उसका सेवन करेंगे।

बस, ट्रेन में भी शारीरिक दूरी का ख्याल

अब बस, ट्रेन में भी लोग शारीरिक दूरी का पालन करेंगे। सरकार खुद भी पहल करेगी। एसी कोच में विशेष ख्याल रखा जाएगा। बस, ट्रेन, हवाई जहाजों में बैठने से पूर्व सभी को मास्क पहनने की सलाह दी जाएगी। साथ ही चढऩे से पूर्व बैग को सैनिटाइ व हाथ को भी धोना जरूरी है।

चिकित्सकों की सलाह-एक क्लास हो सेहत के नाम 

कोरोना वायरस बच्चे व बुजुर्गों में अधिक फैलने की संभावना जताई गई है। ऐसे में बच्चों को शुरू से ही ट्रेंड करने की सलाह चिकित्सकों की है। उसे घर जाकर क्या कहना है, बाहर घूमने जाने वक्त क्या सावधानी बरतनी चाहिए, बहुत भीड़-भाड़ वाले स्थानों में नहीं जाने की सलाह सहित अन्य शामिल होगा। यहां तक की स्कूलों में भी एक क्लास सेहत के नाम हो सकता है। वहीं बुजुर्गों की सेहत को लेकर भी एक प्लान तैयार किया जाएगा।

कोरोना के साथ ही हमें आगे बढऩा होगा। ऐसे में हमारी कोशिश है कि एक प्लान तैयार कर उसे बाकि चिकित्सकों के बीच भी रखा जाए और उसका पालन अधिक से अधिक लोगों के बीच करवाने की कोशिश हो ताकि सभी मिलकर इस बीमारी को हराने में कामयाब हो सके।

- डॉ. एसी अखौरी, पूर्व प्रचार्य, एमजीएम सह पूर्व अध्यक्ष, आइएमए।

इंसान हमेशा से वायरसों को हराता आया है और आगे भी हराता रहेगा। जमशेदपुर के चिकित्सक सेमिनार, जागरुकता कार्यक्रम के माध्यम से लोगों के बीच जाएंगे और वायरस को खत्म करने की रणनीति लोगों को समझाएंगे। हम लड़ाई जीत लेंगे। 

- डॉ. आरएल अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, आइएमए।


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