साली और सास-ससुर के हत्यारे दामाद को आजीवन कारावास
सिदगोड़ा ट्यूब बारीडीह कॉलोनी के चर्चित तिहरे हत्याकाड के आरोपित प्रलय दास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : साली और सास-ससुर के हत्यारे दामाद प्रलय दास को अदालत ने बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सिदगोड़ा ट्यूब बारीडीह कॉलोनी के चर्चित तिहरे हत्याकाड में छह साल बाद यह फैसला आया है। दोषी दोषी करार दिया गया प्रलय बिरसानगर जोन संख्या तीन बी का रहने वाला है।
अपर सत्र न्यायाधीश-13 की अदालत में बुधवार को मामले में सजा को लेकर लंबी बहस चली। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक श्याम कुमार महतो ने हत्याकांड को जघन्य हत्या की श्रेणी का बताते हुए प्रलय को फांसी की सजा देने की मांग रखी। इसपर बहस के बाद न्यायाधीश ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड देने का आदेश भी दिया। प्रलय ने संपत्ति के लालच में ससुर रतन चटर्जी, सास श्यामली और साली पियाली चटर्जी की 27 नवंबर 2012 को अपने साथियो के साथ धारदार हथियार से सोते समय गला रेत कर मार डाला था। आरोपित ने रतन चटर्जी की बड़ी पुत्री शिवानी से प्रेम विवाह किया था। वह बारीडीह में फूल बेचता था। उसकी नजर ससुर की संपत्ति पर थी। जिसे देने से रतन चटर्जी ने इन्कार कर दिया था। इस कारण उसने पूरे परिवार की हत्या कर दी थी। रतन चटर्जी टाटा स्टील के सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद काफी रुपये मिले थे। हत्या में 12 लोगों ने गवाही दी थी। कपड़ों पर लगे खून के धब्बों से प्रलय का जुर्म साबित हुआ।
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क्या हुआ था 27 नवंबर 2012 को
28 नवंबर 2012 को पियाली के यहां ट्यूशन लेने के लिए कुछ छात्र पहुंचे थे। छात्रों के दरवाजा खटखटाये जाने पर जब दरवाजा नहीं खुला तो छात्रों ने खिड़की से झांककर देखा। उन्होंने अंदर देखा कि वहां चारों ओर खून पसरा हुआ था। आस-पास के लोगों को बुलाकर मुख्य गेट का ताला तोड़ कर अंदर गए तो देखा कि श्यामली और पियाली का शव बिस्तर पर पड़ा हुआ था। रतन जमीन पर गिरे थे तथा पीछे का दरवाजा खुला हुआ था। खोजी कुत्ते की मदद ली गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। पड़ोसियों ने भी उस दौरान बताया कि वहां कोई शोर-शराबा नहीं हुआ। हत्या के दिन से ही पुलिस को शक था कि हत्या को किसी करीबी ने ही अंजाम दिया है।
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हत्याकांड के तीन आरोपित हुए बरी
22 दिसंबर को 2012 को पुलिस ने प्रलय को गिरफ्तार किया था। पुलिस की कड़ी पूछताछ के हत्याकांड के 20 दिन बाद शिवानी ने मामले का खुलासा किया था। शिवानी ने पुलिस को बताया कि उसके पति ने उन्हें हत्या करने की बात बता दी थी। प्रलय ने हत्या में टिंकू, अमर और राहुल की संलिप्तता बताई थी। 22 जनवरी 2013 को टिंकू को गिरफ्तारी हुई। राहुल व अमर ने 17 जनवरी को सरेंडर किया। अदालत ने 12 जून 2018 को टिंकू, अमर और राहुल को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।
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पत्नी को दी थी हत्या की जानकारी
प्रलय दास ने सास-ससुर और साली की हत्या कर देने की जानकारी पत्नी शिवानी को दे दी थी, लेकिन उसने इसकी जानकारी किसी को नहीं दी। पुलिस को दोनों गुमराह करते रहे। हत्या के दिन प्रलय दास अपनी पत्नी के साथ ससुराल आया था। शिवानी ने दोपहर का भोजन किया। प्रलय दास बिना खाए ही पत्नी के साथ वापस बिरसानगर आवास लौट गया। रात में वह गायब हो गया। इसी बीच उसने सास-ससुर और साली की हत्या कर दी। इसके बाद 28 की सुबह घर लौट आया। कमरे में सो गया। पत्नी को शराब के नशे में उसने बताया कि उसके घर वालों को उसने काट डाला है। सुबह जब पुलिस रतन चटर्जी के घर पर पहुंची तो प्रलय दास भी ससुराल पहुंचा। पुलिस को जानकारी देता रहा। उसपर किसी को शक नही हुआ। 20 दिन वह पुलिस को गुमराह करता रहा।