सास-ससुर व साली की हत्या के मामले में दामाद को आजीवन कारावास
आरोपित ने संपत्ति की लालच में ससुर रतन चटर्जी, सास श्यामली और साली प्याली चटर्जी की 27 नवंबर, 2012 को अपने साथियों के साथ धारदार हथियार से सोते समय गला रेत कर दी थी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। सिदगोड़ा ट्यूब बारीडीह कॉलोनी के तिहरे हत्याकांड के आरोपित प्रलय दास को अपर सत्र न्यायाधीश 13 की अदालत ने बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, 20 हजार रुपये का अर्थदंड देने का आदेश दिया। आरोपित ने संपत्ति की लालच में ससुर रतन चटर्जी, सास श्यामली और साली प्याली चटर्जी की 27 नवंबर, 2012 को अपने साथियों के साथ धारदार हथियार से सोते समय गला रेत कर दी थी। आरोपित ने रतन चटर्जी की बड़ी पुत्री से प्रेम विवाह किया था। वह बारीडीह में फूल बेचता था। उसकी निगाह ससुर की संपत्ति पर थी। जिसे देने से रतन चटर्जी ने इंकार कर दिया था। इस कारण उसने पूरे परिवार की हत्या कर दी थी। रतन चटर्जी टाटा स्टील के सेवानिवृत्त कर्मचारी थे।
जानें, क्या था मामला
28 नवंबर, 2012 को पियाली से कुछ छात्र ट्यूशन लेने पहुंचे थे। छात्रों द्वारा दरवाजा खटखटाये जाने पर जब दरवाजा नहीं खुला तो छात्रों ने खिड़की से झांककर देखा तो वहां खून पसरा हुआ था। आस-पास के लोगों को बुलाकर मेनगेट का ताला तोड़ अंदर पहुंचे तो देखा तो श्यामली और पियाली का शव बेड़ पर पड़ा था। रतन जमीन पर गिरे थे तथा पीछे का दरवाजा खुला हुआ था। खोजी कुत्ते की मदद ली गई, लेकिन उस कोई सुराग नहीं मिला। पड़ोसियों ने भी उस दौरान बताया कि वहां कोई शोर-शराबा नहीं हुआ।
इस कांड के तीन आरोपित हुए बरी
22 दिसंबर को 2012 को पुलिस ने प्रलय को गिरफ्तार किया था। पुलिस की कड़ी पूछताछ के हत्याकांड के 20 दिन बाद शिवानी ने मामले का खुलासा किया था। शिवानी ने पुलिस को बताया कि उसके पति ने उन्हें हत्या करने की बात बता दी थी। प्रलय ने हत्या में टिंकू, अमर और राहुल की संलिप्तता बताई थी। 22 जनवरी 2013 को टिंकू को गिरफ्तार हुआ। राहुल व अमर ने 17 जनवरी को सरेंडर किया। अदालत ने टिंकू, अमर और राहुल को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।