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उपवास में तीस लाख तक की बचत करता ईसाई समाज

ईसाई समाज में लेंट यानी ईस्टर काल का खास महत्व होता है। इस दौरान 40 दिनों का उपवास रख समाज को लोग अपने शरीर और आत्मा की शुद्धि तो करते ही हैं इसके साथ ही समाज का भी कल्याण करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 08:22 AM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2019 08:22 AM (IST)
उपवास में तीस लाख तक की बचत करता ईसाई समाज

दिलीप कुमार, जमशेदपुर : ईसाई समाज में लेंट यानी ईस्टर काल का खास महत्व होता है। इस दौरान 40 दिनों का उपवास रख समाज को लोग अपने शरीर और आत्मा की शुद्धि तो करते ही हैं, इसके साथ ही समाज का भी कल्याण करते हैं। इन 40 दिनों में की गई बचत को वे अपने क्षेत्र के चर्च में जमा कर देते हैं, जिससे गरीब व जरूरतमंदों की मदद तो की ही जाती है साथ ही सामाजिक गतिविधियों में भी इस राशि का उपयोग किया जाता है।

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लेंट के दौरान शहर में ईसाई समाज के लोग करीब 30 लाख तक की बचत करते हैं। अलग-अलग चर्चो में जमा होने वाली राशि को चर्च के फाइनेंस कमेटी अपने स्तर पर खर्च करती है। राशि का कुछ अंश ईसाई धर्म के गरीब व जरूरतमंदों के बीच और बाकि राशि अनाथालय, वृद्धाश्रम, गरीबों के लिए काम करने वाली संस्था, दूसरे धर्म के गरीब व जरूरतमंद और गरीब विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए सहयोग के रूप में दी जाती है।

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करते हैं कर्मो का भी उपवास

लेंट के दौरान ईसाई समाज के लोग कर्मो का भी उपवास करते हैं। उपावास के दौरान जीवन रक्षा के अलावे अन्य चीजों नहीं खाया जाता है। इस दरम्यान नशापान नहीं करने, विलासता में खर्च न करने और गंदी आदतें छोड़ने की नसीहत दी जाती है। खानपान में कटौती की जाती है। इससे बचे राशि को चर्च में जमा कराया जाता है। गोलमुरी चर्च के फादर डेविड विंसेंट ने बताया ईस्टर काल के दौरान प्रार्थना पर विशेष जोर रहता है। चर्च की ओर से इस समय उपवास और परहेज, योग्य रीति से परम प्रसाद ग्रहण, पुण्य कार्य, प्रार्थना, अंशदान और बाइबिल के वचनों के अनुसार आचरण करने, पाप कर्म छोड़कर पुण्य कार्य में लगे रहने के साथ त्याग एवं परोपकार के कार्य करने आदि के लिए प्रेरित किया जाता है।

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पहले दी जाती थी गुल्लक

लेंट यानी ईस्टर काल के बाद शहर के गोलमुरी चर्च में छह से सात लाख, बिष्टुपुर चर्च में छह से सात लाख, टेल्को चर्च में पांच से छह लाख, मानगो में तीन से चार लाख, परसुडीह से करीब तीन लाख आदि समेत अन्य चर्चो में भी राशि जमा होती है। उपवास के दौरान राशि बचत करने के लिए पहले चर्च की ओर से लोगों गुल्लक दी जाती थी। अब ऐसा नहीं होता लोगों को अपने स्तर से राशि जमा करने के लिए गुल्लक खरीदने के लिए कहा जाता है।

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क्रूस रास्ता पर मनन चिंतन

ईस्टर काल के पहले शुक्रवार को चर्च में क्रूस रास्ता पर मनन चिंतन किया गया। इस अवसर पर प्रभु यीशु मसीह के दुख भोग काल को याद किया गया। सेंट जोसफ चर्च गोलमुरी में फादर डेविड विनसेंट ने प्रभु के बलिदान को लोगों को बताया। मौके पर विशेष प्रार्थना किया गया।


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