तीस लाख में एटीके ने लारा को खरीदा
टीएफए के कैडेट लारा शर्मा को एटीके ने 30 साल के लिए अनुबंधित किया है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : भले ही टाटा फुटबॉल अकादमी अपनी स्वर्णिम विरासत पर इतरा ले, लेकिन सच्चाई यही है कि देश की सबसे पुरानी फुटबॉल अकादमी से पासआउट होने वाले कैडेट्स को कोई प्रतिष्ठित क्लब अनुबंधित करने लायक नहीं समझता। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 19 में तीन ही खिलाड़ियों को दूसरे क्लब में जाने का मौका मिला। वह तो धन्य हो जमशेदपुर एफसी की टीम का, जिन्होंने बचे हुए खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल कर टाटा फुटबॉल अकादमी की लाज बचा ली। वरना एक समय ऐसा भी था जब मोहन बागान, ईस्ट बंगाल, मो. स्पोर्टिग, स्पोर्टिग डि गोवा, सालगांवकर, मुंबई एफसी की टीमों के अधिकारी दीक्षा समारोह के पहले ही खिलाड़ियों को लाखों रुपये में अनुबंधित कर लेते थे।
जहां तक पेशेवर क्लबों के साथ अनुबंध की बात है तो लारा शर्मा को एटीके ने तीन साल के लिए तीस लाख रुपये में अनुबंध किया है, वहीं अभिषेक नायर को चेन्नई एफसी तथा आशीष प्रधान को बेंगलुरु एफसी ने मौका दिया है।
टाटा फुटबॉल अकादमी का 2014-18 बैच का दीक्षा समारोह गुरुवार शाम बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में किया जाएगा, जहां 19 पास आउट होने वाले ग्रेजुएट कैडेटों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर बेंगलुरू एफसी के स्टार स्ट्राइकर उदांता सिंह के अलावा टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन व सुनील भास्करन (चेयरमैन, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट, टाटा फुटबॉल अकादमी) भी मौजूद रहेंगे।
--------------
टीएफए से उपाधि पाने वाले कैडेट्स
येंद्रेंबम नरेश सिंह (मणिपुर), बिल्लू तेली (प. बंगाल), मोबासिर रहमान (झारखंड), शुभम घोष, स्वरुप दास, हर्ष परुई, मो. फिरोज खान, राकेश यादव, विशाल दास (सभी प. बंगाल के), बासेत हांसदा (झारखंड), करणदीप (पंजाब), लारा शर्मा (पंजाब), विजय कुमार (हरियाणा), थियाम श्रीवश सिंह (मणिपुर)।