दीपावली से पहले लौटी बहार, खुल गईं कोल्हान की इंडक्शन फर्नेस और स्पंज आयरन कंपनियां Jamshedpur News
बिजली दर के अलावा बांग्लादेश में आई बाढ़ से एक माह बंद रही इंडक्शन फर्नेस और स्पंज आयरन कंपनियों में बहार लौट आई हैं। कंपनियां खुल गई हैं।
जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। कोल्हान की करीब 25 इंडक्शन फर्नेस व स्पंज आयरन कंपनियां एक सितंबर से बंद हो गई थीं, जो एक करीब एक माह बाद खुल गईं। उस समय कंपनी मालिकों ने इसकी वजह झारखंड राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) की बिजली दर में 38 फीसद बढ़ोतरी को मुख्य वजह बताया गया था। बाजार की मंदी भी एक कारण था, लेकिन इससे बड़ा कारण बांग्लादेश में आई बाढ़ थी। अब भी कोल्हान की करीब नौ इंडक्शन फर्नेस की कंपनियां बंद हैं। स्पंज आयरन की और फर्नेस की 10-10 कंपनियां चल रही हैं।
बांग्लादेश करीब 10-11 जुलाई को भीषण बाढ़ की चपेट में आ गया था, जिसका असर जुलाई के अंत तक रहा। कोल्हान या पूर्वी सिंहभूम की करीब आधा दर्जन कंपनियों का स्पंज आयरन बांग्लादेश निर्यात होता था, जिससे इनकी स्थिति चरमरा गई थी। बिजली के बाद निर्यात बंद होने और स्थानीय बाजार में मांग घटने के बाद इनके अलावा कंपनी बंद करने के सिवा कोई चारा नहीं बचा था। इन कंपनियों के बंद होने की खबर के बार झारखंड सरकार ने चार माह के लिए 1.25 रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा की, तो उधर बांग्लादेश की कंपनियां भी खुल गईं। स्थिति अनुकूल होते देख इंडक्शन फर्नेस व स्पंज आयरन कंपनियां सितंबर के अंत में खुल गईं।
करीब ढाई हजार घरों के चूल्हे रहे बंद
इंडक्शन फर्नेस व स्पंज आयरन कंपनियों के बंद रहने से करीब ढाई हजार अस्थायी मजदूरों को रोजी-रोटी के लाले पड़े। इनके घरों का चूल्हा लगभग बंद रहे। हालांकि कंपनी बंद करने के पहले कंपनी मालिकों ने इनका बकाया वेतन भुगतान कर दिया था, जबकि स्थायी कर्मचारियों-मजदूरों को बंद के दौरान आधा वेतन मिला। अब एक बार फिर से इनके घरों में चूल्हा जलने लगा है।
नवंबर के बाद क्या होगा
सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के सचिव (उद्योग) महेश सोंथालिया बताते हैं कि झारखंड सरकार ने चार माह तक ही 1.25 रुपये सब्सिडी दे रही है, जिसकी अवधि नवंबर में समाप्त हो जाएगी। इसके बाद क्या होगा, क्योंकि बिजली दर हमारी लागत बढ़ा रही है। सरकार को स्थायी रूप से बिजली दर घटाने का निर्णय लेना होगा, वरना फिर से ये कंपनियां बंद हो जाएंगी।
एक राज्य में तीन बिजली दर
कंपनी मालिकों का कहना है कि झारखंड अकेला राज्य है, जहां बिजली की तीन दर है। सब्सिडी के बाद भी हमें झारखंड विद्युत वितरण निगम लि. (जेवीवीएनएल) की बिजली 4.25 रु. प्रति यूनिट पड़ रही है, जबकि डीवीसी 3.50 रुपये और जुस्को की दर चार रुपये प्रति यूनिट है। झारखंड सरकार से आग्रह है कि हमें डीवीसी की दर पर बिजली उपलब्ध कराए। इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और हम भी खुश रहेंगे। बेरोजगारी भी दूर होगी।