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सुखद दांपत्य जीवन की मंगलकामना का पर्व कोजागरा कल

मिथिला की लोक संस्कृति में शरद पूर्णिमा को मनाया जाने वाला को

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 11:19 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 11:19 PM (IST)
सुखद दांपत्य जीवन की मंगलकामना का पर्व कोजागरा कल

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मिथिला की लोक संस्कृति में शरद पूर्णिमा को मनाया जाने वाला कोजागरा पर्व 24 अक्टूबर को शहर में भी धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व नवविवाहितों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि परिवार के लोग उनके सुखद दांपत्य जीवन की मंगलकामना के लिए मनाते हैं। पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन के लिए मानसिक रूप से संकल्पबद्धता के लिए मनाए जाने वाले इस पर्व में पान व मखान या मखाना का विशेष महत्व है। वर पक्ष के परिजन गांव-समाज में उस दिन विशेष रूप से पान-मखान बांटते हैं।

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कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व मैथिली साहित्य अकादमी के सदस्य डॉ. अशोक अविचल बताते हैं कि मान्यता है कि पान की लालिमा खुशहाली व मनोरम स्वरूप का प्रतीक है, जबकि मखान संकल्प व श्रम से कठोर मखाने के बीज से छनन, तपन व प्रहार के बाद मिलने वाला स्वच्छ व पौष्टिक मखाना सफल एवं फलप्रद दांपत्य जीवन के प्रति आश्वस्त करता है। पर्व में लक्ष्मी पूजन के साथ दांपत्य जीवन में संतान की कामना के लिए भी प्रार्थना की जाती है। इसमें वधू पक्ष से अन्न, फल एवं मिठाई को सुसज्जित डाला में भेजा जाता है, जिसे वर पक्ष के लोग अरिपन या अर्पण करते हैं। पूजा के दौरान वर ससुराल से आए कुर्ता-धोती पहनकर बैठता है, जबकि महिलाएं गीत गाते हुए सुखद व सफल दांपत्य जीवन की कामना करती हैं।

गीत के बोल कुछ इस प्रकार हैं- भैयाक कोजगरा में, भारक मोजगरामे बाबूजी परसभि मखान, झुमि-झुमि लालन के, करियौन चुमाओन..।

चुमाअन के बाद मंत्रोच्चारण के साथ वर पर दूब व अक्षत अर्पित किया जाता है। इसी क्रम में वर भौजाइयों के साथ चंादी की बनी कौड़ियों से पचीसी खेलता है। हां, चुमाओन देखने की अनुमति वधू को नहीं होती है। प्रतीक स्वरूप छोटे भाई या भगीना को वधू के रूप में बैठाया जता है। इधर पचीसी के साथ आंगन और दरवाजे पर पान-मखान का वितरण किया जाता है। कोजागरा का पर्व दही, केला, खाजा, लड्डू की खुशबू से महक उठता है।

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इन नवदंपती के घर हो रही तैयारी

भालूबासा निवासी विनीत कुमार झा के घर कोजागरा की शादी इसी वर्ष 29 जून को बागबेड़ा निवासी रश्मि झा से हुई थी। विनीत इंडसइंड बैंक में असिस्टेंट मैनेजर हैं, जबकि रश्मि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। विनीत के पिता रामचंद्र झा बताते हैं कि कोजागरा के रस्म में वधू शामिल नहीं होती है, इसलिए वह मायका में रहेगी।

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मानगो में किसलय के घर उल्लास

मानगो के न्यू पुरुलिया रोड में किसलय झा के घर भी कोजागरा का उल्लास है। किसलय की शादी गत वर्ष जमशेदपुर निवासी मृणालिनी के साथ हुई थी। किसलय कोलकाता में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, लेकिन कोजागरा मनाने के लिए जमशेदपुर आ रहे हैं। उनकी पत्‍‌नी भी यहां हैं।

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मानगो निवासी संजीव के घर भी तैयारी

मानगो स्थित राकेश टावर निवासी संजीव चौधरी के घर पर भी कोजागरा की तैयारी जोर-शोर से हो रही है। संजीव की शादी इसी वर्ष जमशेदपुर की दरभंगा निवासी निकिता के साथ हुई थी। संजीव कारोबारी हैं, जबकि निकिता गृहिणी हैं। ये पहली बार कोजागरा मना रहे हैं।

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जयव‌र्द्धन आशीष का पहला कोजागरा

हरहरगुंट्टू निवासी जयव‌र्द्धन आशीष की शादी इस वर्ष 18 फरवरी को दरभंगा निवासी रजनी झा के साथ हुई थी। टाटा स्टील में कार्यरत जयव‌र्द्धन पहली बार कोजागरा मनाएंगे। इसे लेकर उनके साथ उनका परिवार भी काफी उत्साहित है।


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