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Anant Chaturdashi 2020 : अनंत पूजा आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Anant Chaturdashi 2020. अनंत व्रत व पूजन के लिए उदया मध्याह्न व्यापिनी एवं पूर्णिमा से युक्त चतुर्दशी ही निर्णय सिंधू में उचित व श्रेयस्कर मानी गई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 01:03 PM (IST)
Anant Chaturdashi 2020 : अनंत पूजा आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Anant Chaturdashi 2020 : अनंत पूजा आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

जमशेदपुर, जासं। Anant Puja भाद्रपद मास शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत व्रत एवं अनंत भगवान यानि विष्णु भगवान का पूजन किया जाता  है। इस वर्ष चतुर्दशी तिथि सोमवार 31 अगस्त को सुबह 8:30 बजे से मंगलवार एक सितंबर को सुबह 8:46 बजे तक रहेगी। इसके बाद पूर्णिमा तिथि लगेगी।

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ज्योतिषाचार्य पंडित रमाशंकर तिवारी के अनुसार एक सितंबर को चतुर्दशी तिथि सूर्योदय के बाद तीन मुहूर्त से भी अधिक देर तक विद्यमान है। अनंत व्रत व पूजन के लिए उदया, मध्याह्न व्यापिनी एवं पूर्णिमा से युक्त चतुर्दशी ही निर्णय सिंधू में उचित व श्रेयस्कर मानी गई है। भविष्य पुराण के अनुसार पौर्णमांश्या: समायोगे व्रतंचानन्तकं चरेत्, यानि पूर्णिमा से युक्त चतुर्दशी तिथि को अनंत व्रत करना चाहिए। स्कंद पुराण में कहा गया है कि पूर्णिमा तिथि को मुहूर्त मात्र भी यदि चतुर्दशी तिथि हो तो उसे ही संपूर्ण तिथि मानकर अनंत भगवान यानि भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस प्रकार शास्त्रीय मतानुसार उदया तिथि की प्रधानता को ध्यान में रखते हुए अनंत व्रत एवं पूजन मंगलवार एक सितंबर को ही करना विशेष फलप्रद व पुण्य प्रदायक रहेगा। पूजन दिन में कभी भी कर सकते हैं, लेकिन मध्याह्न काल में पूजन करना उत्तम कहा गया है।

 सूतजी ने शौनक आदि ऋषियों को सुनाई थी कथा

अनंत व्रत की कथा को सर्वप्रथम सूतजी ने शौनक आदि ऋषियों को सुनाया था। कथानुसार अनंत व्रत व पूजन सतयुग से चलता आ रहा है। द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण ने भी कष्ट से मुक्ति के लिए युधिष्ठिर को अनंत व्रत व पूजन करने का उपदेश दिया था। अनंत पूजा में कुश के शेषनाग पर भगवान विष्णु की प्रतिमा रखकर चौदह गांठ के धागे एवं आम पत्ते के साथ विधिवत पूजन करके कथा का श्रवण किया जाता है। अनंत व्रत, पूजन व कथा श्रवण से भक्त सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त होकर सुख समृद्धि के साथ जीवन यापन कर अंत में विष्णु लोक को प्राप्त करता है। ऐसी पौराणिक मान्यता है।

इसबार ये है मुहूर्त

इस बार एक सितंबर मंगलवार को दिन में 8:46 बजे से पूर्णिमा तिथि लगकर दूसरे दिन बुधवार दो सितंबर को दिन 9:34 बजे तक ही रहेगी। इसके बाद आश्विन कृष्ण प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। दो सितंबर को दिन 9:35 बजे के बाद से ही महालयारंभ एवं अपराह्न से प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध व तर्पणादि कार्य किए जाएंगे।


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