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वकील, कलीम और बूढ़ा ने गुरचरण सिंह बिल्ला पर की थी फायरिंग Jamshedpur News

गुरुचरण सिंह बिल्ला की हत्या के लिए वकील अंसारी और साथियों ने गुरमुख सिंह मुखे और अमरजीत सिंह अंबे से सात लाख रुपये मांगे थे। पांच लाख में सौदा तय हुआ था।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 12:22 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 04:43 PM (IST)
वकील, कलीम और बूढ़ा ने गुरचरण सिंह बिल्ला पर की थी फायरिंग Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरुचरण सिंह बिल्ला को बीते नौ नवंबर को अपराधियों ने सीतारामडेरा गुरुद्वारा की ओर जाने के रास्ते में गोली मार घायल कर दिया था। पुलिस ने मामले में शूटर उत्तम पंडा उर्फ बूढ़ा और राजकिशोर महतो को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल जाने से पहले दोनों ने घटना की योजना से लेकर इसे अंजाम तक पहुंचाने के मामले से सीतारामडेरा थाना की पुलिस को अवगत कराया। बताया कि अमरजीत सिंह अंबे ने बातचीत के लिए वकील ने ओडिशा से दो मोबाइल खरीदा था।

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बिल्ला को मारी गई थी तीन गोलियां, शूटर वकील और कलीम फरार

उत्तम पंडा और राजकिशोर महतो ने बताया कि घटना के दिन वकील अंसारी, कलीम और उत्तम पंडा ने अपनी-अपनी पिस्तौल से कुल तीन गोली बिल्ला पर दागी थी। वो वहीं गिर पड़ा था। हम सभी ने सोचा कि काम हो गया है। इसके बाद वकील और कलीम एक बाइक से, उत्तम पंडा और राजकिशोर दूसरी बाइक पर सवार होकर भाग निकले। उत्तम और राजकिशोर भागकर सलगाझुरी होते हुए राजकिशोर के नीमडीह गांव चले गए। दो दिन वहां रहने के बाद उत्तम पंडा गालूडीह अपने गांव चला गया। फायरिंग में इस्तेमाल चार पिस्तौल को पेपर में लपेटकर घर के सामान के बीच छिपाकर रख दिया। वहां से मामा के घर गिद्दनी चला गया। 

अंबे ने पूछताछ में बताए शूटरों के नाम

गौरतलब है कि घटना के बाद से वकील और कलीम फरार है। वकील अंसारी कई आपराधिक मामलों के आरोपित सरायकेला निवासी सरफूउद्दीन का भांजा है। गुरुचरण सिंह बिल्ला की हत्या के प्रयास मामले में साजिशकर्ता सीजीपीसी (सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे और एक अन्य अमरजीत सिंह अंबे को गिरफ्तार कर 19 नवंबर को पुलिस जेल भेज चुकी है। अंबे ने ही पुलिस को पूछताछ में शूटरों के नाम बताएं थे। 

सात लाख मांगा था शूटरों ने पांच लाख में हुआ था सौदा

गुरुचरण सिंह बिल्ला की हत्या के लिए वकील अंसारी और साथियों ने गुरमुख सिंह मुखे और अमरजीत सिंह अंबे से सात लाख रुपये मांगे थे। पांच लाख में सौदा तय हुआ था। 40 हजार रुपये का भुगतान किया गया था। बाकी काम होने के बाद देने पर सहमति बनी थी, लेकिन तीन गोली लगने के बाद भी बिल्ला बच गया। मालूम हो कि घटना में शामिल सभी शूटरों को गुरुद्वारा परिसर के एक कमरे में मुखे और अंबे ने ठहराया था।


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