60 फीट ऊंचे गादा डांग से बरसाया प्रसाद
जासं जमशेदपुर परसुडीह के तुपुडांग गांव में चड़क पूजा की धूम रही। इस अवसर पर पूजा कम
जासं, जमशेदपुर: परसुडीह के तुपुडांग गांव में चड़क पूजा की धूम रही। इस अवसर पर पूजा कमेटी की ओर से आयोजित मेला का मुख्य आकर्षण 'गादा डांग' रहा। करीब 50-60 फीट ऊंचे लकड़ी व बांस खंभे (गादा डांग) पर भोक्ता ने लोहे के हुक को अपनी पीठ में घोंपकर नृत्य किया।
60 फीट की ऊंचाई पर गादा डांग में झूल रहे भोक्ता को ने भक्तों के बीच प्रसाद बरसाया। प्रसाद लेने के लिए पुरुष से लेकर महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी। इसे क्षेत्रीय भाषा में आका पाता भी कहा जाता है। तेज धूम में भी श्रद्ध शिव पूजा, गादा-डांग एवं रोजनी फोड़ा कार्यक्रम देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। कार्यक्रम में बतौर अतिथि पहुंचे सांसद विद्युतवरण महतो, जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, भाजपा परसुडीह मंडल अध्यक्ष पंकज सिन्हा ने भगवान शिव की आराधना कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की।
चुटकी भर सिदूर से ठीक हो जाता है जख्म : भोक्ता का जख्म चुटकी भर सिदूर लगाने से ही ठीक हो जाता है। गांव के पुजारी भोक्ता के पीठ में लगे हुक को निकाल कर चुटकी भ सिदूर लगाकर दर्द को ठीक कर देते है।
गांव की सुख-शांति के लिए की जाती है पूजा : पूजा कमेटी के सूरज महतो ने बताया कि यहां वर्षों से भगवन शिव की पूजा की जा रही है। भक्त भगवान को खुश करने के लिए पीठ में लोहे का हुक लगाकर गादा डांग पर झूलते हैं। मान्यता है कि इस विशेष पूजा से गांव में खुशहाली बनी रहती है। खेती तो अच्छी होती ही है गांव के लोग महामारी से भी बचे रहते हैं। पूजा को सफल बनाने में चड़क पूजा मेला कमेटी के अध्यक्ष भीमसेन भूमि, सचिव अजीत भूमि, सूरज महतो, गणेश महतो, दशरथ भूमिज, शोमाय बोदरा, केदार सामंत का सहयोग रहा। गादा डांग पर झूलने वालों में भोक्ता में धोनू कुंकल, महेश लोहार, मिथुन कर्मकार आदि शामिल थे।