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गुरुनानक जयंती पर मानगो व सीतारामडेरा गुरुद्वारा में सजा कीर्तन दरबार

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गुरुनानक देव जी के प्रकाश देहाड़ा के मौके पर मानगो व सीतारामडेर

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Nov 2017 06:59 PM (IST)Updated: Sun, 05 Nov 2017 06:59 PM (IST)
गुरुनानक जयंती पर मानगो व सीतारामडेरा गुरुद्वारा में सजा कीर्तन दरबार

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गुरुनानक देव जी के प्रकाश देहाड़ा के मौके पर मानगो व सीतारामडेरा गुरुद्वारा में रविवार को कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। कीर्तन दरबार के बाद गुरु का अटूट लंगर संगत के बीच वितरण किया गया। मानगो गुरुद्वारा में अमृतसर से आये कथावाचक भाई परमजीत सिंह ने गुरुनानक देव जी के जीवनी पर प्रकाश डाला। उनके आदर्शो के बारे में संगत को विस्तारपूर्वक बताया। भाई परमजीत सिंह ने कहा कि गुरुनानक देव जी ने अज्ञानता के अंधेरे को सदा के लिए दूर किया। जबकि भाई जगत सिंह जी ने कीर्तन गायन कर संगत को निहाल किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मानगो गुरुद्वारा के प्रधान भगवान सिंह सहित जसवंत सिंह, सुखवंत सिंह, कुलविंदर सिंह पन्नू, जसवीर सिंह सिरे सहित संगत का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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वहीं सीतारामडेरा गुरुद्वारा में गुरु नानक देव जी के प्रकाश देहाड़ा के मौके पर पंजाब से आये ढाडी जत्था के निशान सिंह खालसा ने गुरुनानक देव जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिता ने सच्चा सौदा लाने के लिए गुरुनानक देव जी को 20 रुपये दिये थे लेकिन गुरुनानक देव जी ने उन रुपयों से संत मंडली को लंगर करवा दिया। जिसके बाद हजुरी रागी तजिंदर कौर व जसवंत सिंह जी ने कीर्तन गायन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सीतारामडेरा गुरुद्वारा के प्रधान करम सिंह सहित सुरजीत सिंह व संगत का योगदान रहा।


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