शहर में होती थी कन्या पूजन की धूम
दुर्गापूजा में वैसे तो हर पंडाल व मंदिर में कन्या पूजा होती थी लेकिन कुछ खास स्थानों पर इसकी रौनक देखते ही बनती थी। इनमें से खास भालूबासा का शीतला मंदिर और पारडीह स्थित काली मंदिर हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : दुर्गापूजा में वैसे तो हर पंडाल व मंदिर में कन्या पूजा होती थी, लेकिन कुछ खास स्थानों पर इसकी रौनक देखते ही बनती थी। इनमें से खास भालूबासा का शीतला मंदिर और पारडीह स्थित काली मंदिर हैं। इस बार जब दोनों स्थान पर प्रमुख आयोजनकर्ता से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि कन्या पूजा तो होगी, लेकिन कन्या की संख्या सीमित कर दी गई है।
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भालूबासा शीतला माता मंदिर में नौ कन्या का पूजन किया जाएगा
भालूबासा शीतला माता मंदिर में बीते कई वर्षों से 1101 कन्या पूजन बड़ी ही धूमधाम से की जाती थी। यहां का आयोजन पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में होता है। इस बार कोरोना के कारण खुद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आयोजनकर्ता से कहा है कि केवल नौ कन्या का पूजन व भोजन किया जाएगा। कन्याओं को दूरी बनाकर बिठाया जाएगा। इसकी तैयारी कमेटी की ओर से पूरी की जा चुकी है। कमेटी के सदस्य गुंजन यादव ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन का हर तरह से पालन किया जाएगा।
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पारडीह कालीमंदिर में कन्या पूजा की जाएगी
पारडीह स्थित कालीमंदिर में महानवमी के दिन 51 कन्याओं की पूजा होगी। कन्या पूजन की तैयारी हो चुकी है। पारडीह कालीमंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती व थानापति इंदिरानंद सरस्वती ने बताया कि मंदिर के विशाल प्रांगण में कन्या को अपने हाथों से पूजन कर भोजन कराएंगे। इंदिरानंद सरस्वती ने बताया कि मंदिर में कलश व अखंड ज्योति जल रही है। मां काली भी शक्ति की देवी मां दुर्गा का ही रूप है। यही कारण है कि मंदिर में केवल मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित नहीं की गयी है, बाकि सभी प्रकार की पूजन विधि-विधान से किया जा रहा है।