Kanhaiya Singh Murder Case: कन्हैया सिंह हत्या मामले में पुलिस को मिला अहम सुराग, कई जगह हुई थी छापेमारी
Kanhaiya Singh Murder case पुलिस सुत्रों के अनुसार कन्हैया सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस के द्वारा लगातार छापामारी में कन्हैया सिंह हत्याकांड का कोई सुराग नहीं मिला है। लेकिन इसके चक्कर में पुलिस के द्वारा कुछ पुराने मामले में अपराधी व उसके पास से तीन पिस्तौल बरामद किया गया है।
आदित्यपुर, जासं। चर्चित कन्हैया सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस की एसआइटी टीम के द्वारा उड़ीसा से लेकर कई स्थानों पर छापामारी किया गया। लेकिन रिजल्ट पुरी तरह से शुन्य रहा। पुलिस सुत्रों ने बताया कि मामले में छापामारी को लेकर टीम के द्वारा उड़ीसा,सुदंरगढ, जमशेदपुर, सरायकेला के विभिन्न क्षेत्रों में छापामारी किया गया। लेकिन उसके बाद भी अपराधी पुलिस की गिरफत से बाहर हे। एसडीपीओं हरविंदर सिंह के नेतृत्व में छापामारी चलाया गया। अबतक आदित्यपुर ही नही जमशेदपुर के दो दर्जन से ज्यादा अपराधीयों से पुलिस के द्वारा पुछताक्ष किया गया है लेकिन उसके बाद भी सही अपराधी तक अभी भी पुलिस नही पहुंच पाया।
कतला के चक्कर में रेहु मिला
पुलिस सुत्रों के अनुसार कन्हैया सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस के द्वारा लगातार छापामारी में कन्हैया सिंह हत्याकांड का कोई सुराग नही मिल है। लेकिन इसके चक्कर में पुलिस के द्वारा कुछ पुराने मामले में अपराधी व उसके पास से तीन पिस्तौल बरामद किया गया है। हांलाकि पुलिस के द्वारा इसकी पुष्टि नही किया गया हे। केवल इतना कह रहे कि गए थे कतला खोजने रेहु मिला।
कृष्णा गोप के गुर्गे अबतक फरार
इस हत्याकांड में पुलिस कृष्णा गोप के गिरोह एवं मनोज सरकार गिरोह को भी लक्ष्य मानकर छापामारी कर रही है। लेकिन अबतक दोनो गिरोह के कोई भी अपराधी पुलिस के हत्थे नही चढ़ा है। बताया जाता है कि कृष्णा गोप गिरोह के सुभाष प्रमाणकि, रोहित मिश्र,आशीष गोराई,संजीव लौहार,आदि है जिनपर पुलिस को शक है लेकिन वह फरार चल रहे है। इसी तरह से पूर्व कई मामलें का आरोपी संतोष थापा भी अबतक फरार है एवं मनोज सरकार जैसे अपराधी गिरोह के भी कई गुर्गाे को पुलिस के द्वारा पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन इसमें सफलता नही मिला।
आखिर क्या है हत्या का कारण पुलिस के समझ से परे
कन्हैया सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस यह नही पता लगा पा रही है कि आखिर हत्या का कारण क्या हे। कही सालडीह जमीन विवाद तो नही या फिर व्यवसायिक प्रतिद्धंदिता तो नही।इतना ही नही पूर्व विधायक अरविंद सिंह के द्वारा बार बार कहा जा रहा है कि उनको कमजोर करने की साजिश तो नही । पुलिस इन सभी मामले पर जांच कर रहा है लेकिन सफलता नही मिला हे।