19 घंटे बाद भी नहीं पता चला काजल का, मौन प्रशासन ने दोपहर बाद 3 बजे उतारे गोताखोर
सरायकेला थाना अंतर्गत बेगनाडीह गांव के ठाटूपाड़ा टोला की रहने वाली 17 वर्षीया काजल गोप का दूसरे दिन भी पता नहीं चल पाया है।
सरायकेला, जासं। सरायकेला थाना अंतर्गत बेगनाडीह गांव के ठाटूपाड़ा टोला की रहने वाली 17 वर्षीया काजल गोप का दूसरे दिन भी पता नहीं चल पाया है। बताते चलें कि बीते बुधवार की देर रात्रि काजल ने माजना घाट पुल से खरकाई नदी में छलांग लगा दी थी। घटना की जानकारी के बाद काजल के परिजनों सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने माजना घाट पुल के समीप पहुंचकर काजल की तलाश शुरू की। जिसमें बुधवार की रात से लेकर गुरुवार के दिन भर पानी के बहाव की दिशा में माजना घाट पुल से लेकर तितिरबिला पुल तक तकरीबन 8 किलोमीटर तक ग्रामीणों द्वारा काजल की तलाश नदी में उतर कर की गई।
पूरे मामले की जानकारी होने के बाद भी सरायकेला पुलिस बुधवार की रात भी घटनास्थल पर मौजूद रही और गुरुवार को सरायकेला थाना प्रभारी नवीन प्रकाश पांडेय पुलिस दलबल के साथ काजल के घर पर जाकर परिजनों से पूछताछ करते रहे। परंतु इतने समय बीत जाने के बाद भी गोताखोरों की व्यवस्था नहीं की गई।
जमशेदपुर से बुलाए गए गोताखोर
स्थानीय ग्रामीणों और परिजनों की मांग पर दोपहर बाद जमशेदपुर से गोताखोर बुलाए गए। समाचार लिखे जाने तक गोताखोरों का क्षेत्र सर्वे ही जारी रहा। लेकिन काजल का पता नहीं लग सका था। वहीं ग्रामीण बताते हैं कि सूचना के साथ यदि एक्सपर्ट गोताखोर नदी में उतरे होते तो समय से काजल का पता लगाया जा सकता था। बुधवार की रात्रि अधिक अंधेरा होने और पानी का बहाव तेज होने के कारण नदी में उतरे ग्रामीण काजल का पता नहीं लगा सके। जबकि गुरुवार के दिन तक तलाश के लिए काफी समय बीत चुका है।
ऐसे पता चला काजल के नदी में कूदने का
काजल के भाई शिवा गोप बताते हैं कि काजल प्रत्येक शाम को पड़ोस के घर में टीवी देखने जाया करती थी। रात के 8:30 बजे तक काजल के नहीं लौटने पर पड़ोसी से पूछने उसे पता चला कि वह टीवी देखने आई ही नहीं थी। इसी दौरान किसी के नदी में कूदने की सूचना मिलने पर जाकर देखने से पाया गया कि काजल की चप्पल वही पड़ी हुई थी। जिसके आधार पर काजल के ही नदी में कूदने की संभावना जताते हुए तलाश शुरू की गई। 17 वर्षीया काजल गोप के नदी में कूदने की सूचना के बाद विभागीय स्तर पर गोताखोर बुलाने के प्रयास किए गए। गुरुवार अपराहन 3 बजे जमशेदपुर से पहुंचे गोताखोरों की टीम द्वारा नदी का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के बाद गोताखोर नदी में उतरेंगे।
चप्पल से की गई पहचान
काजल के नदी में कूदने की पहचान पुल पर मिले उसके चप्पल से की गई। तब से ग्रामीणों के सहयोग से काजल की तलाश की जा रही है। परंतु समय से प्रशासन का अबतक कोई सहयोग नहीं मिलने के कारण काजल का पता नहीं लगाया जा सका है।