कदमा चौहरे हत्याकांड का आरोपी दोषी करार, दो बेटी-पत्नी को बेरहमी से मारा, शिक्षिका के शव से किया था दुष्कर्म
Kadma Four murder Case कदमा में 12 अप्रैल 2021 को चार लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड ने शहर को हिला दिया था। कोर्ट ने आरोपी दीपक को इस मामले में दोषी करार दिया है। वहीं छह अप्रैल को उसे सजा सुनाई जाएगी।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार सिन्हा के न्यायालय ने कदमा में पत्नी वीणा देवी (36 वर्ष), दो पुत्री श्रावणी उर्फ दीया (16 वर्ष), सानवी (8 वर्ष) और शिक्षिका रिंकी घोष की हत्या मामले में आरोपित दीपक कुमार को शनिवार को दोषी करार दिया। सजा के बिंदु पर न्यायालय छह अप्रैल को फैसला सुनाएगी।
दोषी टाटा स्टील के अग्निशमन विभाग में 2011 से कार्यरत था। हत्या मामले में 25 लोगों की गवाही हुई थी। दोषी पर जो भी आरोप लगे थे, न्यायालय ने अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत सभी साक्ष्य को सही पाया है। दोषी के विरुद्ध दायर धारा 302 (हत्या), धारा 376 (दुष्कर्म), 307 (जानलेवा हमला करने), धारा 379 (चोरी) और धारा 376 ए (जबरन दुष्कर्म करने) की प्राथमिकी कदमा थाना में दर्ज की गई थी।
अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक ओम कुमार ने पक्ष रखा था। उन्होंने कहा कि वे दोषी को फांसी की सजा देने की मांग न्यायालय से करेंगे। दोषी को जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से अधिवक्ता उपलब्ध कराए गए थे।
चौहरे हत्याकांड ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया था। यह 12 अप्रैल, 2021 की खौफनाक कहानी है, जब पत्नी, दो पुत्रियों और पुत्रियों को पढ़ाने वाली शिक्षिका की दीपक कुमार ने नृशंसता से हत्या कर दी थी। बेरहमी ऐसी कि देखकर किसी की भी रूह कांप जाए।
दो बेटियों और पत्नी के सिर पर हथौड़ी से प्रहार कर आरोपी ने अधमरा कर दिया था। इसके बाद तकिए से मुंह तब तक दबाकर रखा, जब तक सबकी मौत नहीं हो गई थी। इससे भी मन नहीं मारा तो आरोपी ने बच्ची को ट्यूशन पढ़ाने वाली शिक्षिका को भी मौत के घाट उतार दिया था, जिसकी भनक पड़ोसियों को भी नहीं लगी थी। दरिंदा यहीं नहीं रुका, उसने शिक्षिका के शव के साथ दुष्कर्म भी किया था।
धनबाद से गिरफ्तारी के बाद आरोपित ने पुलिस को बताया था कि टाटा स्टील में उसे 34 हजार रुपये वेतन मिलता था। लोन कटने के कारण आठ हजार रुपये वेतन हाथ में मिलने लगा। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण घर में तनाव होने लगा था।
दोस्त प्रभु साव के भांजे रोशन ने उससे कहा कि उसके पास भी भारी ट्रक है। दोनों ने ट्रक खड़गपुर के लक्ष्मी मेटल्स में चलाने का निर्णय लिया, लेकिन रोशन ने ट्रक से होने वाली आमदनी नहीं दी। कर्ज बढ़ता गया।
प्रभु, उसका भांजे और पत्नी की भी हत्या करने वाला था दीपक
दीपक को लगने लगा कि बचपन के मित्र ने उसके साथ धोखाधड़ी की है और उसका भांजा रोशन भी इसमें शामिल है। इसलिए उसने रोशन, उसकी पत्नी और प्रभु साव की हत्या की योजना बनाई। समय भी निर्धारित कर रखा था, लेकिन तभी उसके दिमाग में आया कि अगर हम नहीं रहेंगे, तो परिवार सड़क पर आ जाएगा।
इस कारण उन तीनों की हत्या से पहले अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या सुबह कर दी। इसके बाद शिक्षिका को भी मौत के घाट उतार दिया। हत्या के वक्त उसने कोई नशा नहीं कर रखा था। घर बुलाकर रोशन और उसके साले पर हमला किया, लेकिन दोनों बच गए। उसका प्लान फेल गया।
शिक्षिका के शोर मचाने पर कर दी हत्या, फिर दरिंदगी
उसी दिन शाम में छह बजे प्रभु साव की जोजोबेड़ा प्लांट इलाके के पास जाकर हत्या करने की योजना थी। इसके लिए उसे स्कूटी की जरूरत थी। इस कारण उसकी निगाह शिक्षिका रिंकी की स्कूटी पर थी। इसी चक्कर में उसने शिक्षिका से स्कूटी मांगी और उसे बंधक बनाना चाहा।
चाकू देखते ही शिक्षिका शोर मचाने लगी। इधर-उधर भागने लगी। वह उस कमरे की ओर चली गई, जहां पत्नी और बच्चों का शव पड़ा था। शिक्षिका यह देख हतप्रभ रह गई। दीपक को लगा कि अब वह फंस जाएगा। टेप से शिक्षिका के हाथ बांध दिए। मुंह में टेप सटा दिया। गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव के साथ दुष्कर्म किया। शव को बाक्स पलंग में डाल दिया। उसकी स्कूटी घर के बरामदे में रख दी।