Move to Jagran APP

जुस्को का रेवेन्यू गैप कम तो मत बढ़ाए बिजली का टैरिफ : आयोग

जमशेदपुर यूटिलिटीज एंड सर्विसेज कंपनी लिमिटेड (जुस्को) का रेवेन्यू गैप यदि कम है तो बिजली की दर में बढ़ोतरी न करें क्योंकि दो से तीन माह बाद जुस्को फिर से बिजली की दर में बढ़ोतरी का प्लान देगी। इसलिए अभी यदि रेवेन्यू गैप कम है तो उसे मैनेज कीजिए और नए वित्तीय वर्ष में नया टैरिफ प्लान भेजे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 01:56 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:21 AM (IST)
जुस्को का रेवेन्यू गैप कम तो मत बढ़ाए बिजली का टैरिफ : आयोग
जुस्को का रेवेन्यू गैप कम तो मत बढ़ाए बिजली का टैरिफ : आयोग

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जमशेदपुर यूटिलिटीज एंड सर्विसेज कंपनी लिमिटेड (जुस्को) का रेवेन्यू गैप यदि कम है तो बिजली की दर में बढ़ोतरी न करें, क्योंकि दो से तीन माह बाद जुस्को फिर से बिजली की दर में बढ़ोतरी का प्लान देगी। इसलिए अभी यदि रेवेन्यू गैप कम है तो उसे मैनेज कीजिए और नए वित्तीय वर्ष में नया टैरिफ प्लान भेजे।

loksabha election banner

सरायकेला-खरसावां जिले में बिजली वितरण की लाइसेंसी कंपनी जुस्को की ओर से गुरुवार दोपहर ढाई बजे आदित्यपुर स्थित ऑटो कलस्टर में बिजली की दर में बढ़ोतरी के लिए जन सुनवाई हुई। इसे संबोधित करते हुए आयोग के चेयरमैन डॉ. अरविंद प्रसाद ने ये बातें कही। जुस्को की ओर से घरेलू श्रेणी में बिजली की दर में प्रति यूनिट 20 पैसे और दूसरी श्रेणी के फिक्सड चार्ज में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। लेकिन पूरी जन सुनवाई के दौरान आयोग के चेयरमैन व तकनीकि सदस्य आरएन सिंह ने जुस्को की कार्य प्रणाली पर ही सवाल खड़े किए। कहा कि जुस्को का पावर पर्चेज कास्ट 87 प्रतिशत बहुत ज्यादा है। कंपनी टाटा पावर से बिजली लेने के बजाए एक्सचेंज से बिजली क्यों नहीं खरीदती है। टाटा पावर की बिजली बहुत महंगी है और वे पानी लेकर सरकार को राजस्व भी नहीं देती है। देश में सरप्लस बिजली है इसलिए एक्सचेंज से सस्ती बिजली लेकर उपभोक्ताओं सप्लाई करें। उन्होंने अपने नेटवर्क का विस्तार कर लाइसेंस क्षेत्र की जनता को जल्द बिजली देने की सलाह दी। इस मौके पर जुस्को की ओर से चीफ वीपी सिंह ने पावर प्रजेंटेशन के तहत प्रस्तुति दी। वहीं, कंपनी के एमडी तरूण डांगा, वरीय महाप्रबंधक दीपक कामथ, कैप्टन धनंजय मिश्रा, अमन चोधा, टाउन इलेक्ट्रिकल चीफ मनमोहन सिंह सहित कई अधिकारी सहित आयोग के विधि सदस्य पीके सिंह व बड़ी संख्या में स्थानीय उद्यमी उपस्थित थे। आशीष माथुर ने कमेटी बनाने का किया था वादा

जुस्को के पावर पर्चेज कास्ट (बिजली खरीदने की दर प्रति यूनिट) पर टिप्पणी करते हुए आयोग के चेयरमैन ने कहा कि तीन वर्ष पहले जुस्को के पूर्व एमडी आशीष माथुर ने वादा किया था कि वे किस कंपनी से एक्सचेंज के माध्यम से सस्ती बिजली मिल सकती है। आयोग का समय बर्बाद न करें, एमडी को दिया निर्देश

चेयरमैन ने कहा कि जुस्को को अपने प्लान में बताना चाहिए कि दूसरी कंपनियों का पावर पर्चेज कास्ट कितना है। लेकिन वे इस पर कोई प्रस्तुति नहीं दिखाकर आयोग का समय बर्बाद कर रही है। उन्होंने कहा कि मैं और आपके उपभोक्ता खुश हैं कि जुस्को की बिजली की क्वालिटी अच्छी है उसके उपभोक्ता भी इस बात को मानते हैं लेकिन वीपी सिंह हर बार इधर-उधर बातों को घुमा कर आयोग को उलझाने का प्रयास करती है। आयोग ने कहा कि इससे उनसे अच्छा दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) है जो उत्पादन व वितरण दोनो करती है और उसकी बिजली भी बहुत सस्ती है। यदि ऐसी ही रही तो वे ओडिशा की तरह आपकी लाइसेंस भी रद कर देगी। नहीं तो लाइसेंस नवीकरण को आए तो आपका अधिकार क्षेत्र कम कर देंगे। आयोग ने एमडी तरूण डांगा को निर्देश दिया कि वे विशेषज्ञों की टीम तैयार करें जो सस्ती बिजली पर हर दिन नजर रख सके। जुस्को के कारण औद्योगिक क्षेत्र में आई मंदी

आयोग चेयरमैन ने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि जुस्को के कारण औद्योगिक क्षेत्र में मंदी आई। यदि जुस्को कंपनियों को बिजली नहीं देगी तो उत्पादन कैसे होगा? उपभोक्ताओं को बिजली देते नहीं और बोलते हैं कि 29 प्रतिशत उपभोक्ता बढ़ गए। चेयरमैन ने बताया कि झारखंड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेवीबीएनएल) के 2016-17 में 29 लाख उपभोक्ता थे जो बढ़कर 56 लाख हो गए हैं। सुनवाई में किसने क्या कहा

मजहरूल इस्लाम : जहां नेटवर्क पहुंच चुका है, वहां तो जुस्को बिजली दे। धार्मिक स्थलों पर भी जुस्को कम दर पर बिजली उपलब्ध कराएं।

--------------

अजीत कुमार भगत, लोकनाथ सिंह महतो, धीरेन महतो, ईपी सत्यनारायण : देहात क्षेत्र में जहां हाथियों का हमेशा डर बना रहता है, वहां स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था हो।

----------------

संतोष खेतान, उद्यमी : वर्तमान में जुस्को एनर्जी चार्ज और पावर डिमांड चार्ज के हिसाब से बिल लेती है। इससे पावर फैक्टर को नियमित रूप से मेंटेन रखने में परेशानी होती है इसलिए इस तरह की बिलिंग से रोका जाए।

----------------

सुधीर सिंह, उद्यमी : कई कंपनियां दस लाख रुपये से ज्यादा मासिक बिल देती है। लेकिन भुगतान में एक दिन भी देरी होती है तो उन्हें डेढ़ प्रतिशत के हिसाब से 15 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ता है।

-------------------------

गोपाल झा : जुस्को सरकारी स्कूलों को निशुल्क बिजली दे ताकि स्मार्ट क्लास चलाने में परेशानी न हो।

-------------------------

राजेश कुमार : छत्तीसगढ़ में सबसे कम 2.30 रुपये प्रति यूनिट बिजली की दर है। जुस्को बताए कि किस श्रेणी में कितने उपभोक्ता हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.