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काफी शालीन व्यक्ति थे न्यायाधीश उत्तम आनंद, जमशेदपुर में भी दिया था योगदान, व्यवहार न्यायालय में की गई प्रार्थना

न्यायाधीश उत्तम आनंद स्वभाव से काफी शालीन व्यक्ति थे। दूसरों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते थे। उन्होंने 2006 से 2010 तक जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में भी योगदान दिया था। ये बातें जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में हुई शोक सभा में कही गई।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 10:36 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 10:36 AM (IST)
धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की फाइल फोटो।

जमशेदपुर, जासं। धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की असामयिक व दुखद मृत्यु 28 जुलाई 2021 को हुई। वे स्वभाव से काफी शालीन व्यक्ति थे। दूसरों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते थे। उन्होंने 2006 से 2010 तक जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में भी योगदान दिया था। ये बातें शुक्रवार को जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में हुई शोक सभा में कही गई। वक्ताओं ने कहा कि आनंद ने 29 मई 2002 को न्यायिक सेवा में अपना योगदान दिया था।

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जिसके बाद उन्होंने बोकारो, चतरा, जमशेदपुर, गुमला, रांची, डाल्टेनगंज तथा बोकारो न्यायमंडल के तेनुघाट में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। इनकी अंतिम पदस्थापना धनबाद न्यायमंडल में थी। सन् 2006 से 2010 तक ये जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय में पदस्थापित थे तथा उनका न्यायिक कार्यकाल तथा व्यक्तित्व उल्लेखनीय तथा अविस्मरणीय रहा। हर पदाधिकारी तथा व्यक्ति जिसने उनके साथ काम किया या उनके संपर्क में आए, उनके व्यक्तित्व, न्यायिक कार्य और व्यवहार से इतने प्रभावित हुए कि उनकी स्मृति एक अमिट छाप के रूप में समाहित हुई।

बिना भय व पक्षपात के करते रहेंगे कार्य

उनकी परिवारिक पृष्ठभूमि कानूनविदों की है। उनके पिता, भाई तथा साले वकालत के पेशे से जुड़े हुए हैं। उत्तम आनंद हजारीबाग के निवासी थे। वह अपने पीछे दो पुत्री, एक पुत्र तथा पत्नी छोड़ गए हैं। उनकी असामयिक तथा दुखद मृत्यु सिर्फ उनके अपने परिवार व झारखंड न्यायिक पदाधिकारियों के परिवार अथवा न्यायिक संस्थान की ही क्षति नहीं है, बल्कि पूरे देश के न्यायिक परिवार तथा समस्त विश्व के ऐसे व्यक्ति, जो न्यायिक कार्य का संपादन करते हैं, की अपूरणीय क्षति है। यहां हम सभी दिवंगत आत्मा के सम्मान में एकत्रित हुए हैं तथा परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनकी पवित्र आत्मा को शांति प्रदान करें। हमसब एकजुट हैं। यह स्पष्ट कर रहे हैं कि न्याय के इस मंदिर में कार्य करने वाले सभी न्यायिक पदाधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्ता तथा पक्षकार पुण्यमय, निष्पक्ष तथा निर्भयता की भावना से अपने कार्यों का संपादन करते रहेंगे। न्यायिक पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने स्व. आनंद की आत्मा की शांति के लिए दाे मिनट मौन रखकर प्रार्थना की।


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