टेस्ट मैच के बाद जेएससीए पर कब्जे की तैयारी
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पर नकेल क्या कसी, इ
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पर नकेल क्या कसी, इसका असर राज्य संघों पर देखने को मिल रहा है। हैदराबाद, गोवा, विदर्भ, बड़ौदा व झारखंड के क्रिकेट संघ की गद्दी पर ंवर्षो से कुंडली मारकर बैठे पदाधिकारियों पर गाज गिरी। लेकिन झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सुप्रीमो अमिताभ चौधरी नेपथ्य से राज्य संघ को नियंत्रित कर रहे हैं। यह न सिर्फ राज्य में क्रिकेट के विकास के लिए, बल्कि संघ के लिए भी खतरनाक है। यह कहना है जेएससीए के पूर्व उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह का।
बिष्टुपुर के जलाराम भवन में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में प्रवीण सिंह के साथ प्रवीण देवगढि़या व पूर्व रणजी क्रिकेटर उज्जवल दास भी मौजूद थे।
प्रवीण सिंह ने जेएससीए की नई कमेटी मेंबर को अवैध ठहराते हुए जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर जेएससीए प्रबंधन उनकी मांगों को नहीं मानता है तो टेस्ट मैच के बाद जेएससीए पर कब्जे की तैयारी है, ताकि संवैधानिक ढंग से कमेटी का गठन हो सके। गौरतलब है कि रांची में भारत व ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच 16 से 20 मार्च तक खेला जाना है। इसका रिहर्सल पांच मार्च को रांची में आयोजित सेमिनार से होगा, जहां समाज के हर वर्ग के प्रबुद्ध व्यक्तियों को आमंत्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जेएससीए के पूर्व सुप्रीमो अमिताभ चौधरी ने वैसे व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया, जो अभी कूलिंग पीरियड में है। वहीं जेएससीए संविधान के अनुसार सचिव देंवाशीष चक्रवर्ती की भी नियुक्ति अवैध है। ऐसे में यह अदालत की अवमानना का मामला बनता है।
जेएससीए संविधान में अबतक 40 संशोधन
जेएससीए की स्थापना 1935 में हुई थी। अमिताभ चौधरी वर्ष 2003 में पहली बार अध्यक्ष बने। 14 साल के अंतराल में अपनी कुर्सी सुरक्षित करने के लिए पूर्व अध्यक्ष ने अबतक संविधान में 40 संशोधन किए।
स्टेडियम की लागत 73 से 250 करोड़ कैसे हुई
प्रवीण सिंह ने कहा कि रायपुर में 60 हजार दर्शक क्षमता वाला स्टेडियम की लागत 73 करोड़ है, नोएडा में 80 करोड़, राजकोट में 76 करोड़ में स्टेडियम बनकर तैयार हो गया, लेकिन उसी काल में झारखंड में बना स्टेडियम की लागत 250 करोड़ कैसे हो गया।
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720 करोड़ का हिसाब दें पूर्व अध्यक्ष
प्रवीण सिंह ने पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी पर आर्थिक घपले का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले डेढ़ दशक में बीसीसीआइ से जेएससीए को 720 करोड़ मिले। इस पैसे का खर्च कहां-कहां हुआ, पूर्व अध्यक्ष इसका हिसाब दें। उन्होंने वर्तमान प्रबंध समिति को चुनौती देते हुए कहा कि राज्य संघ पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच कराएं और दोषियों पर कार्रवाई करे।
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वर्तमान अध्यक्ष पर भी लगाएं आरोप
प्रवीण सिंह ने वर्तमान अध्यक्ष कुलदीप सिंह पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि कुलदीप ने संघ से निजी फायदा उठाया। स्टेडियम में बालू-गिंट्टी सप्लाई करने के नाम पर संघ से तीन लाख रुपये का भुगतान कराया। वहीं सचिव की पत्नी ने सात लाख में अपनी कलाकृति बेची।
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विरोधी खेमा के पक्ष में कई जिले
जेएससीए प्रबंध समिति के खिलाफ कई जिला मुखर हो रहे हैं। वर्तमान में लोहरदगा, सरायकेला, पलामू, लातेहार, गुमला विरोधी खेमा के साथ हैं, वहीं देवघर, जामतारा, कोडरमा, गिरीडीह, दुमका व पाकुड़ की मान्यता को राज्य संघ ने निरस्त कर दिया है।
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400 सदस्यों को बाहर निकाला
अमिताभ चौधरी ने अभी तक 400 जीवनपर्यत सदस्यों की सदस्यता खत्म कर दी। यह विश्व की पहली संस्था है, जहां लाइफ मेंबर को भी हटा दिया जाता है।
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अमिताभ ने अध्यक्ष का चैंबर हथियाया
प्रवीण सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि अमिताभ चौधरी ने अध्यक्ष का चैंबर ही हथिया लिया। जब इस बात का खुलासा हुआ तो उन्होंने वहीं संयुक्त सचिव, बीसीसीआइ का बोर्ड लगा दिया। अब अमिताभ ही बताएं कि वह सर्वोच्च न्यायालय से क्यों यह पूछ रहे हैं कि बीसीसीआइ में उनका स्टेटस क्या है। इसका मतलब उन्हें अपने स्टेटस के बारे में ही जानकारी नहीं है।