JJ Irani Death : युवाओं को मौका देने के लिए टाटा स्टील में लाया वीआरएस व ईएसएस स्कीम
JJ Irani Death डा. जेजे ईरानी ने टाटा स्टील में युवाओं को मौका देने के लिए कंपनी में ऐच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) व अर्ली सेपरेशन स्कीम (ईएसएस) की शुरुआत की थी। आज भी कंपनी युवाओं को प्राथमिकता देती है....
जमशदेपुर : डा. जेजे ईरानी ऐसे शख्स थे, जिन्हें टाटा स्टील में युवाओं को मौका देने के लिए जाना जाता है। डा. ईरानी ने एक दिन टाटा संस के तत्कालीन चेयरमैन रतन टाटा को अपने इस विचार से अवगत कराया। इसके बाद कंपनी में ऐच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) व अर्ली सेपरेशन स्कीम (ईएसएस) की शुरुआत की गई, ताकि युवाओं को अधिक मौका दिया जा सके। आज टाटा ग्रुप में युवा कर्मचारी कुल संख्या का लगभग 50 प्रतिशत है। इसमें से 30 प्रतिशत कंपनी के महत्वपूर्ण पद संभाले हुए हैं।
रतन टाटा ने जब जेजे ईरानी को दी सलाह
एक बार की बात है। रतन टाटा जमशेदपुर दौरे पर थे। उन्होंने टाटा स्टील प्लांट के अंदर डा. ईरानी से मजदूरों को देखकर पूछा, ये कौन है। डा. ईरानी ने कहा, सर, ये कॉन्ट्रैक्ट लेबर हैं। इस पर उन्होंने तुरंत कहा, नहीं वे हमारे मजदूर हैं। उनकी मेहनत की बदौलत ही आज हम इस मुकाम पर हैं। उन्होंने सभी ठेकेदारों से मजदूरों का ब्योरा मंगवाया।
आंकड़े देखकर काफी असंतुष्ट हुए। तभी से कंपनी के ठेका मजदूरों को बैंक के माध्यम से वेतन दिया जाने लगा ताकि उन्हें न्यूनतम मजदूरी मिल सके। लेकिन कंपनी के हजारों ठेका मजदूर ईएसआई, पीएफ जैसी सुविधा से अब भी वंचित हैं। मजदूरों में वे जिस तरह की खुशहाली देखना चाहते थे, उसके लायक व्यवस्था नहीं बन पाई है।
खुलकर फैसले लेने के लिए थे मशहूर
टाटा को शुरू में अपने समूह में खुल कर फैसले लेने की आजादी मिलने में काफी समय लग गया। टाटा संस को करीब से देखने वाले एक वित्तीय कंपनी के शीर्ष अधिकारी मानते हैं कि जेआरडी टाटा के कार्यकाल में रूसी मोदी, दरबारी सेठ जैसे लोग ज्यादा प्रभावशाली थे। रतन को फ्रीहैंड 1991 में मिला जब रूसी मोदी को उनके रिटायरमेंट से एक महीने पहले जबरन हटा दिया गया। 1992 में डा. जेजे ईरानी को टाटा स्टील का प्रबंध निदेशक बनाया गया।