JJ Irani Death : 75 साल की उम्र में डा. ईरानी ने टाटा स्टील को कहा था अलविदा
JJ Irani Death टाटा समूह के लिए डा. जेजे ईरानी कितना महत्वपूर्ण थे इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 75 साल की उम्र तक उन्होंने सेवा दी। टाटा स्टील बोर्ड से डा. ईरानी ने 2 जून 2011 को इस्तीफा दे दिया था...
जमशेदपुर : रतन टाटा को डा. जेजे ईरानी पर इतना विश्वास था कि 75 साल की उम्र में उन्होंने टाटा स्टील को अलविदा कहा था। वह चार दशक से अधिक समय तक कंपनी की सेवा करने के बाद टाटा स्टील के बोर्ड से 2 जून 2011 इस्तीफा दे दिया था। वह 1968 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टाटा स्टील का नाम बदलकर) में शामिल हो गए।
नागपुर से शेफील्ड विश्वविद्यालय तक पहुंचे
डॉ ईरानी ने 1958 में नागपुर विश्वविद्यालय से भूविज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की और 1963 में यूके के शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी की। डा ईरानी के साथ काम कर चुके पूर्व कर्मचारी ने कहा कि उनसे काफी कुछ सीखने को मिलता था। वे सही लोगों का चयन करने के लिए जाने जाते थे।
इस तरह बच्ची की बचाई जान
25 साल पहले की बात है, जब 12 वर्षीय एक लड़की का ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया था और बाद में कैंसर से पीड़ित पाई गई थी। जब लड़की के माता-पिता बच्चे को आगे के इलाज के लिए दक्षिण ले जाना चाहते थे, तो अस्पताल के अधिकारियों ने लड़की से निकाले गए ट्यूमर को यह कहते हुए सौंपने से इनकार कर दिया कि यह उनके नियमों के खिलाफ है।
सूचना मिलने डॉ ईरानी तुरंत बचाव के लिए आए और अस्पताल के अधिकारियों से कहा कि जब किसी की जान बचाने की बात आती है तो नियमों का कोई सेट नहीं होता है।
क्वालिटी आंदोलन के अग्रणी नेता थ डा. ईरानी
डा. ईरानी को भारत में क्वालिटी आंदोलन (रेवोल्यूशन) का अग्रणी नेता माना जाता है। उन्होंने टाटा स्टील में गुणवत्ता व ग्राहक संतुष्टि पर ध्यान केंद्रित करते हुए कंपनी को दुनिया में सबसे कम उत्पादन लागत वाला स्टील मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बनाया जो अंतराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सके। उन्होंने प्रसिद्ध मैल्कम बाल्ड्रिज परफार्मेंस एक्सिलेंस मानदंड से अपनाए गए कैलेब्रेटेड दृष्टिकोण से गुणवता में सुधार के लिए 2003 में टाटा एजुकेशन एक्सिलेंस प्रोग्राम शुरू करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
क्रिकेट के थे अच्छे खिलाड़ी
डा. ईरानी जितने अच्छे स्टील मैन्युफैक्चरर थे उतने अच्छे खिलाड़ी भी थे। उन्होंने लंबे समय तक क्रिक्रेट खेला। उन्होंने और उनकी बहन डायन होर्मुसजी ने जिजी ईरानी चैलेंज क्रिकेट कंप की स्थापना की थी। इसके अलावा उन्हें डाक टिकट व सिक्कों का संग्रह करने का भी जुनून था। उनका सक्रिय सार्वजनिक जीवन हमेशा पीढ़ियों से शहरवासियों को प्रेरित करता रहेगा।
कंपनी अधिनियम विशेषज्ञ समिति के थे अध्यक्ष
वर्ष 2004 में केंद्र सरकार ने कंपनी अधिनियम के गठन के लिए विशेषज्ञ समिति बनाया जिसका अध्यक्ष डा. जेजे ईरानी को नियुक्त किया गया। वर्ष 2011 में वे टाटा समूह की सभी कंपनियों के विभिन्न पदों से सेवानिवृत्त हुए। वे भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ में बोर्ड आफ गर्वनेंस के भी अध्यक्ष रहे थे।