झारखंड जदयू का रूख हुआ नरम, भाजपा से दोस्ती का किया आग्रह Jamshedpur News
बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम ने झारखंड जदयू का मिजाज बदल दिया है। पिछले विधानसभा तक झारखंड में जदयू ने भाजपा से दूरी बनाकर रखी थी लेकिन इस परिणाम के बाद एकाएक दोस्ती की बात शुरू हो गई। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने बुधवार काे बिहार...
जमशेदपुर (जासं) । बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम ने झारखंड जदयू का मिजाज बदल दिया है। पिछले विधानसभा तक झारखंड में जदयू ने भाजपा से दूरी बनाकर रखी थी, लेकिन इस परिणाम के बाद एकाएक दोस्ती की बात शुरू हो गई। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने बुधवार काे बिहार चुनाव में एनडीए की जीत का जश्न मनाया। इस मौके पर सालखन ने कहा कि बिहार की तरह झारखंड में भी भाजपा और जदयू को मिलकर राजनीति करनी चाहिए।
इस बात की राजनीतिक हलकों में चर्चा हो रही है कि आखिर जदयू का रूख क्यों बदल गया। सालखन ने तर्क दिया कि बेरमो और दुमका उपचुनाव में भी यदि भाजपा-जदयू मिलकर लड़ते तो परिणाम कुछ और होता। यह अलग बात है कि जदयू का बेरमो और दुमका में कितना जनाधार है, इसका आकलन नहीं हुआ है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार चुनाव तो बहाना है, जदयू ऐसा ही कोई मौका खोज रही थी कि भाजपा के करीब आ सके। करीब सात-आठ वर्ष से जदयू लाख कोशिश के बावजूद झारखंड में ठीक से संगठन भी खड़ा नहीं कर सकी है। जनाधार वाले नेता-कार्यकर्ता का अभाव रहा है।
बीच में थोड़ी अनुकूल स्थिति बनी थी, लेकिन सांंगठनिक चुनाव में ही जिस तरह से सिर-फुटव्वल होने लगी, उससे पार्टी की किरकिरी हो गई। कई कार्यकर्ता पहले ही संगठन छोड़कर निकल चुके थे। बचे-खुचे दमदार लोगों को हाशिए पर डाल दिया गया, ताकि वे सालखन को चुनौती देने लायक नहीं बचें। इसका नतीजा हुआ कि पार्टी का ढांचा कमजोर होने लगा। अब जदयू को लग रहा है कि झारखंड में यदि अपनी जमीन मजबूत करनी है, तो भाजपा का साथ जरूरी है। इसीलिए सालखन ने खुलकर भाजपा से दोस्ती का आग्रह कर दिया।