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झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा- टाटा स्टील लीज समझौता का कर रही उल्लंघन

मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि टाटा स्टील के अधिकारियों से कई बार नागरिक सुविधा बहाल करने का अनुरोध किया लेकिन एक जनप्रतिनिधि की बातों को अनुसना कर दिया। अब सड़क से सदन तक आवाज उठाने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 04:02 PM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 04:02 PM (IST)
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा- टाटा स्टील लीज समझौता का कर रही उल्लंघन
जमशेदपुर परिसदन में मीडिया को जानकारी देते मंत्री बन्ना गुप्ता एवं अन्य।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील ने अब जमशेदजी नौसेरवानजी टाटा के सपनों के शहर जमशेदपुर को अनदेखा करना शुरू कर दिया है। जमशेद जी ने जो विश्व स्तरीय सुविधा अपने नागरिकों को दी थी, अब उसके प्रति टाटा स्टील पूरी तरह उदासीन हो गयी है। टाटा स्टील के संस्थापक की परिकल्पना को कुछ अधिकारियों ने तार-तार कर दिया है। अब टाटा स्टील नागरिक सुविधा के नाम पर केवल अपनी झोली भरने का काम कर रही है। इसका जीता जागता उदाहरण है शहर में बेरोजगारी, गंदगी का अंबार, प्रदूषण। यही नहीं टाटा स्टील अब अपने लीज समझौता का खुलेआम उल्लंघन कर रही है। यह कहना है जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सह प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का।

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मंत्री बन्ना गुप्ता ने रविवार को जमशेदपुर स्थित परिसदन में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि टाटा स्टील के अधिकारियों से कई बार नागरिक सुविधा बहाल करने का अनुरोध किया, लेकिन एक जनप्रतिनिधि की बातों को अनुसना कर दिया। ऐसी स्थिति में अब सड़क से सदन तक आवाज उठाने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया है। इस अवसर पर कांग्रेस नेता जम्मी भास्कर, कमल किशोर अग्रवाल, संजय ठाकुर आदि उपस्थित थे।

नागरिक सुविधा प्रदान करने की शर्त पर ही दो रुपये प्रति वर्ष प्रति एकड़ दी गई जमीन

नागरिक सुविधा प्रदान करने की शर्त पर ही सरकार ने टाटा स्टील से लीज समझौता किया था। शर्त के मुताबिक शिड्यूल तीन की 2205.98 एकड़ जमीन जमीन को दो रुपये प्रति वर्ष, प्रति एकड़ की दर से भुगतान करना है। यदि शिडयूल एक में है तो 400 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष, शिडयूल दो में है तो 100 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष के दर पर दिया गया है। लीज शर्त के मुताबिक यदि खाली जमीन पर फैक्ट्री का विस्तार, कर्मचारियों के लिए भवन निर्माण, नागरिक सुविधाओं का निर्माण आदि किया जा सकता है तो भूमि की प्रकृति व शिडयूल बदल जाएगा। जिससे वार्षिक दर में भी बदलाव होगा। यदि कुछ बदलाव होता है तो 30 दिन के अंदर सरकार को आवेदन देना है।

टाटा कमिंस हो या टाटा मोटर्स के आफिस को बाहर नहीं जाने देंगे

मंत्री बन्ना गुप्ता ने स्पष्ट कहा कि टाटा कमिंस को पूना महाराष्ट्र ले जाने की बात सामने आ रही है। इसी तरह टाटा मोटर्स भी सामान का निर्माण जमशेदपुर में करेगी और एसंबल कहीं दूसरे राज्य में। जमशेदपुर में राख और कचरा रहेगा, एसंबल दूसरे स्थान पर होगा। आज टीएमएच को आउटसोर्स कर दिया गया है जिसमें 70 प्रतिशत बाहर के लोगों को रोजगार दिया गया है। इसका खुलकर विरोध करेंगे। मंत्री ने कहा कि यहां के नौजवान बेरोजगार रहेंगे और बाहर के लोग काम करेंगे, ऐसा वह किसी कीमत पर होने नहीं देंगे।

जुबली पार्क का व्यवसायीकरण किया

मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि लीज समझौता के अनुसार जुबली पार्क क्षेत्र का कुल रकबा 235.66 एकड़ को दो रुपये प्रति एकड़, प्रति वर्ष के हिसाब से एकरारनामा किया गया है। लेकिन वर्तमान समय में जुबली पार्क का उपयोग विभिन्न व्यावसायिक एवं मनोरंजन के लिए कर अत्यधिक शुल्क लिया जा रहा है। जुबली पार्क में चिड़िया घर, प्रमोद उद्यान, ग्रीन हाउस, जरबेरा गार्डेन, चंपा कुंज, लेक व्यू पिकनिक स्पॉट, निक्को पार्क आदि का संचालन किया जा रहा है। शुल्क संग्रहण कर की अदायगी सरकार को नहीं की जा रही है। बन्ना गुप्ता ने कहा कि 2005 से 2021 तक जुबली पार्क से जमा राशि व सरकार को जमा राशि की जांच किया जाना राज्य हित में होगा। बन्ना गुप्ता ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व उपायुक्त को पत्र के माध्यम से जांच करने का अनुरोध किया है।

39 सब लीज में टाटा स्टील भूमि मालिक के साथ एकरारनामा नहीं किया

मंत्री बन्ना गुप्ता ने 39 सब लीज धारकों का लिस्ट जारी करते हुए कहा कि टाटा स्टील लिमिटेड द्वारा संबंधित भूमि आवंटी के साथ किसी भी प्रकार का एकरारनामा कभी भी निष्पादित नहीं किया। वहीं 14 सब लीजधारकों के मामले में टाटा स्टील लिमिटेड द्वारा संबंधित भूमि आवंटी के साथ अनरजिस्टर्ड लीज एग्रीमेंट का निष्पादन निर्धारित समय के बाद किया गया। बन्ना ने कहा कि 6 रजिस्टर्ड लीज एग्रीमेंट का निष्पादन निर्धारित समय के बाद किया गया। उन्होंने कहा कि उपरोक्त सभी मामलों में सरकार के साथ किए गए लीज एकरारनामा का उल्लंघन किया गया। यदि तीन माह के अंदर निबंधित सब लीज एकरारनामा नहीं किया गया तो सभी किए गए लीज स्वत: रद्द हो चुकी। लेकिन वर्तमान समय में उपरोक्त सब लीज पर भू-धारी काबिज हैं। इसकी जांच कर अतिक्रमण अधिनियम 1956 के तहत कार्रवाई किया जाना चाहिए।


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