Jharkhand Electricity Crisis: कहीं तीन दिन से नहीं आ रही बिजली, तो कहीं आंधी के कारण हुआ अंधेरा, पूरा गांव में बिजली ठप
Jharkhand Electricity Crisis लगातार हो रही बिजली कटौती से लोग काफी परेशान हो गए हैं. जब भी हल्की सी आंधी या बारिश आती है कि तुरंत ही बिजली कट जाती है कई गांव तो ऐसे हैं जहां पिछले तीन दिन से बिजली आई ही नहीं है।
जमशेदपुर, जासं। बीते तीन दिन पहले आई आँधी से सात खंबा टुट जाने के बाद तीन दिनों से चांडिल के उरमाल में बिजली ठप्प है। ग्रामीणों के सूचना पर भाजयुमो नेता आकाश महतो उरमाल पहुँचे आकाश महतो ने कहा कि उरमाल गांव में आँधी से सात खम्भा टुट जाने से गाँव में बिजली आपूर्ति ठप्प है। बिजली विभाग को सूचना दी गई है परन्तु अब तक बिजली बहाल नहीं हुई है। महतो ने कहा बिजली विभाग के इस रवैया से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।ग्रामीणों अपने स्तर से खंबा लगा रहे हैं। उन्होंने कहा बिजली बहाल नहीं होने पर ग्रामीणों के साथ बिजली विभाग का घेराव करेंगे मौके पर धनंजय मंडल, मुकेश मंडल, दुलाल गोराई, अरविंद,आदि ग्रामीण मौजूद थे ।
बिजली, पानी व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश
पोटका। पोटका प्रखंड के जंगल से सटे धीरोल पंचायत के क्लस्टर में एसडीओ संदीप कुमार मीणा पहुंचे। वह मुख्य रूप से पानी-बिजली आदि की व्यवस्था देखने आए थे | वहीं पंचायत के कई कलस्टर की जांच किए साथ ही साथ पानी बिजली की समस्या को देखें तथा बीडीओ को निर्देश देते हुए तत्काल पानी, बिजली की व्यवस्था करने का निर्देश दिए | जंगल किनारे वाले बूथ में मतदान टीम कैसे पहुंचे इस पर भी विस्तृत रूप से चर्चा किए | मौके पर पोटका बीडीओ निखिल गौरव, सीओ इम्तियाज अहमद, तापस त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।
बिजली व्यवस्था में सुधार करने की मांग
सरायकेला। सरायकेला नगरपंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने उपायुक्त को पत्र के माध्यम से सरायकेला एवं आस पास के क्षेत्र में जारी लचर विद्युत आपूर्ति में सुधार कराने की मांग की है। लिखा है कि विगत 15 दिनों से लचर विद्युत आपूर्ति के कारण जनजीवन प्रभावित है। बिजली विभाग के लापरवाह पदाधिकारियों की वजह से यह विकराल परिस्थिति बनी हुई है। सरायकेला शहर में विद्युत आपूर्ति हेतु तीन विकल्प चाईबासा फीडर, उलीझाड़ी फीडर एवं राजखरसावां फीडर से बिजली आपूर्ति की सुविधा झारखंड में पूर्व की भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा प्रदान की गई थी। जिला मुख्यालय के विभागीय पदाधिकारी कार्यपालक अभियंता व सहायक अभियंता की लापरवाही के कारण क्षेत्र के बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, व्यवसाई, छात्र-छात्राएं एवं बीमार व्यक्ति बिजली संकट की समसिस भुगत रहे हैं। सरायकेला बिजली विभाग छोटी-छोटी फॉल्ट को बनाने में बेबस और लाचार नजर आता है। तीन विकल्पों की जगह कम से कम दो विकल्प उलीझाड़ी फीडर एवं राजखसवां फीडर को मेंटेनेंस एवं दुरुस्त करवाने एवं सरायकेला शहरी क्षेत्र के जर्जर तारों को दुरुस्त करवाने की मांग की है।