विश्व आदिवासी दिवस पर मैट्रिक एवं इंटर के टॉपर हुए सम्मानित, मसकल फाउंडेशन ने दी साइकिल
विश्व आदिवासी दिवस पर पश्चिमी सिंहभूम के कमारहातु के इस वर्ष मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त विद्यार्थियों के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया गया। समारोह में मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट उत्तीर्ण 23 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
चाईबासा, जागरण संवाददाता। विश्व आदिवासी दिवस पर पश्चिमी सिंहभूम के कमारहातु के इस वर्ष मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त विद्यार्थियों के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के इंजीनियर रूपनारायण देवगम एवं विशिष्ट अतिथि सीआरपीएफ अधिकारी सिकंदर देवगम के हाथों कमारहातु के मेधावी विद्यार्थियों व उनके माता-पिता को सम्मानित किया गया। माता-पिता सम्मान पाकर गदगद दिखे।
मैट्रिक परीक्षा में 88 प्रतिशत हासिल करनेवाले मुन्ना देवगम को मसकल फाउंडेशन के पाइकिराय देवगम, रांधो देवगम, सोमय देवगम,सोनाराम देवगम,कृष्णा देवगम, विमल बिरुवा,सुरजा देवगम, छोटू कृष्णा देवगम के सौजन्य से एक साइकिल प्रदान किया गया। मौके पर मुख्य अतिथि ने मसकल लाइब्रेरी में नि:स्वार्थ भाव से बच्चों को कोचिंग देने वाले राजेश देवगम और मंगल सिंह तियू को सम्मानित किया। पुरस्कार पाकर सबों के चेहरे खिल गए।
लक्ष्य तय कर बढें आगे
मौके पर मुख्य अतिथि ने मेधावी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अनुशासित तरीके लक्ष्य रखकर मेहनत करने से सफलता अवश्य प्राप्त होती है। उन्होंने विद्यार्थियों को आगे भी मेहनत जारी रखने को कहा। कहा कि अभी से ही अपने मन में कैरियर के प्रति स्पष्ट मानसिकता तैयार कर लें ताकि सही विषयों का चयन करने में सहूलियत हो। लक्ष्य तय रहने से उसने अनुरू तैयारी करने में आसानी होती है। बगैर लक्ष्य तय किए आगे बढने से भटकने का खतरा तो रहता ही है, असफलता पर हाथ मलने के सिबा कोइ दूसरा चारा भी नहीं बचता। लक्ष्य तय कर हौसले के साथ आगे बढेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी। सम्मान समारोह में मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट उत्तीर्ण 23 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
इनकी रही आयोजन में मौजूदगी
मौके पर ग्राम मुंडा बिरसा देवगम, पूर्व मुंडा दीनबंधु देवगम, उपमुखिया जुलियाना देवगम, सार्जेंट मेजर रांधो देवगम, सीआइएसएफ सोनाराम देवगम, मसकल फाउंडेशन के अध्यक्ष सुरजा देवगम, सचिव तुराम देवगम, पतोर देवगम, भीम सिंह देवगम, विजय देवगम, सिकुर देवगम, कृष्णा देवगम, मंदुई पुरती पाड़ेया, सोनामुनी देवगम, छोटू कृष्णा देवगम आदि उपस्थित थे।