Jharkhand Assembly Election 2019 : दौर आखिरी और तेज हुआ चुचकारना-पुचकारना
Jharkhand Assembly Election 2019 कत्ल की रात (मतदान की पूर्व रात) में बाजी को पलटने की रणनीति बनाई जा रही है। अगर थोड़ी भी चूक हुई तो विरोधी खेमा उसी रात में बाजी पलट सकता है।
जमशेदपुर, राजेश पाण्डेय। Jharkhand Assembly Election 2019 उम्मीदवार दिनभर प्रचार के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। रात होते ही मतदाताओं को चुचकारने-पुचकारने का दौर शुरू हो जाता है। रूठों को मनाया जा रहा। चुनाव के आखिरी वक्त में जीत के लिए सारे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।
शत्रु का शत्रु मित्र होता है
मित्र का मित्र, मित्र होता है। मित्र का शत्रु, शत्रु होता है और शत्रु का शत्रु मित्र। इस सामाजिक सिद्धांत का उपयोग भी चुनाव में खूब हो रहा है। प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार की बैर किससे किससे है। उनके अपनों से कौन-कौन प्रताडि़त है। उससे कौन-कौन खार खाया है। इसकी जानकारी हासिल की जा रही है और फिर उसे अपने पाले में किया जा रहा है। सांत्वना दी जा रही है कि प्रतिद्वंद्वी को हरा दीजिए और हम जीत रहे हैं, हमें जीता दीजिए। 'काकाÓ अपने क्षेत्र में इस सिद्धांत पर खूब काम कर रहे हैं।
माउथ मीडिया से वार
माउथ मीडिया से वार शुरू हो गया है। और तैयारी भी चल रही है। ये खास तौर पर वहां प्रभावी होने वाला है जहां परंपरागत तौर पर दो खेमें में वोटर बंटे रहते हैं। कुछ पार्टियों ने रणनीति बना ली है। उनकी ओर से यह बात फैलाई जाएगी... लाम बंद हो गए हैं। गोलबंद हो गए हैं। बैठकों का दौर चल रहा है। वोट के एक दिन पहले एलान करने का उनका प्लान है। वहीं से जहां सब एकसाथ जुटते हैं। पढऩे के लिए। मतदान के दिन सुबह-सुबह ... उनकी कतार लग गई है। लंबी लंबी। एकतरफा वोट गिरा रहे हैं। आपलोग घर से निकलें और जल्दी-जल्दी मतदान करें। वरना सबकुछ गड़बड़ हो जाएगा। हर बार की यह रणनीति कुछ क्षेत्र में काम भी कर जाती है। एक उम्मीदवार ऐसा जिसकी पार्टी मजबूत है किंतु उसका चेहरा कम जान-पहचान वाला है, वह तो इसी रणनीति पर काम ही कर रहा है।
कत्ल की रात
कत्ल की रात (मतदान की पूर्व रात) में बाजी को पलटने की रणनीति बनाई जा रही है। अगर थोड़ी भी चूक हुई तो विरोधी खेमा उसी रात में बाजी पलट सकता है। रातभर हरी और गुलाबी पत्तियों की चाशनी में वोटरों डुबोकर वोट झटकने के फिराक में उम्मीदवार व उनके समर्थक हैं। खिलाने-पिलाने के साथ प्रलोभन भी दिए जाएंगे। ठीका-पïट्टी दिलाने की बात की जाएगी। इसके लिए क्षेत्रों को चिह्नित किया जा रहा है। कत्ल की रात यह भी अफवाह हवा में तैराने की कोशिश होगी कि फला उम्मीदवार ने फला को समर्थन दे दिया है। ऐसा फला को हराने के लिए किया गया है। मतलब साफ है, पलभर में सब गुड़-गोबर करने की कोशिश होगी।