JantaCurfew: कोरोना के खिलाफ सबसे बड़े जंग को कोल्हान का साथ, घरों में सिमटे लोग ; सड़कों पर सन्नाटा Picture
JantaCurfew. लोग घरों में सुबह सात बजे से ही लोग सिमट गए हैं। दुकानें बंद हैं। सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। इक्का-दुक्का लोग बहुत जरूरी काम से ही बाहर निकल रहे हैं।
जमशेदपुर, जेएनएन। JantaCurfew widespread impact of the JantaCurfew at Kolhan in Jharkhand विश्वव्यापी संकट बनकर उभरे कोरोना के खिलाफ जंग को कोल्हान का पूरा साथ मिल रहा है। प्रधानमंत्री के जनता कफ्यू के आह्रवान को चौतरफा समर्थन मिला है।
कोल्हान के तीनों जिलों पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां में लोग घरों में सुबह सात बजे से ही लोग सिमट गए हैं। दुकानें बंद हैं। सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। इक्का-दुक्का लोग बहुत जरूरी काम से ही बाहर निकल रहे हैं। मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं। रेलवे स्टेशनों पर भी सन्नाटा पसरा है। जनता कर्फ्यू को लेकर जमशेदपुर के टाटानगर रेलवे स्टेशन साकची, बाराद्वारी आदि स्थानों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। मुख्य सड़कों पर इक्का-दुक्का ही बाइक सवार चल रहे हैं। टाटानगर स्टेशन के बुकिंग काउंटर व सेकंड बुकिंग काउंटर पर एक भी यात्री टिकट लेने के लिए नहीं पहुंचे हैं। पूरा काउंटर खाली पड़ा हुआ है जबकि यहां 5 काउंटर खुले हुए हैं। वही टाटानगर स्टेशन में यात्री नहीं है । सिर्फ जीआरपी आरपीएफ और हेल्प डेस्क पर ही कर्मचारी यहां तैनात है। बस्तियों की दुकानें भी बंद पड़ी है।
घाटशिला अनुमंडल में ये हाल
जनता कर्फ्यू की अपील को घाटशिला अनुमंडल में पूरा समर्थन मिला। जनता कर्फ्यू पूरी तरह सफल होता दिखा। अनुमंडल मुख्यालय से लेकर के ग्रामीण इलाकों तक में सन्नाटा पसरा रहा। व्यवसायियों ने सहर्ष ही अपनी-अपनी दुकानों को बंद रखी है। इक्का-दुक्का लोग ही सड़कों पर नजर आ रहे हैं। लोगों ने अपने आप को घरों में कैद कर कोरोना वायरस को हराने का काम किया है। भाड़े की ट्रक, टेंपो का परिचालन भी बंद है। इसके अलावा यात्री बसों का परिचालन भी बंद है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को लेकर आम लोगों ने प्रधानमंत्री की अपील को गंभीरता से लिया है।
लोगों ने खुद को कर लिया घरों में कैद
घाटशिला, डुमरिया, बहरागोडा, मुसाबनी,चाकुलिया, धालभूमगढ के शहरी क्षेत्र में पूरी तरह कर्फ्यू की जैसी स्थिति नज़र आ रही है। जनता कर्फ्यू को लेकर स्थानीय लोग प्रधानमंत्री के द्वारा की गई अपील के दिन से ही तैयारी में जुट गए थे। लोगों ने एक-दूसरे तक जनता कर्फ्यू का मैसेज भेज देना शुरू कर दिया था। दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों ने भी जनता कर्फ्यू के दिन काम नहीं करने का मन बना लिया था। जिसका असर रविवार की सुबह से ही यहां देखने को मिला। लोगों ने अपने आप को घरों में कैद कर लिया। जिससे लोगों की गतिविधियां घरों तक सीमित हो गई है। लिहाजा यहां की सड़कें व बाजार पूरी तरह सुनसान पड़ गई। इस दौरान पुलिस प्रशासन की सक्रियता भी देखने को मिली।
टाटानगर स्टेशन पर पसरा सन्नाटा।
जमशेदपुर के मानगो के बड़ा हनुमान मंदिर में सन्नाटा। आजादनगर का भी यही हाल है।
पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया के बिरसा चौक, मुख्य सड़क, रेलवे स्टेशन एवं नया बाजार चौक पर जनता कर्फ्यू का नजारा।
जनता कर्फ्यू के दौरान घाटशिला शहर में सन्नाटा।
जनता कर्फ्यू के दौरान घाटशिला अनुमंडल के मुसाबनी में बंद दुकानें।
ग्रामीण अंचल डुमरिया बाजार का दृश्य।
पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा बाज़ार में बंद दुकानें।
चाईबासा में रहा ये हाल।
जनता कर्फ्यू के दौरान चक्रधरपुर में पसरा सन्नाटा।