बच्चे को सांप ने डंसा तो सांप को मारकर अस्पताल साथ ले आए परिजन
गम्हरिया थाना अंर्तगत शिवनारायणपुर निवासी सोनू मुंडा (10) को रविवार की सुबह को पहाड़ी चिंट्टी सांप ने डंस लिया। सांप को सोनू के पिता सुभाष मुंडा ने देख लिया और उसे मार डाला।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गम्हरिया थाना अंर्तगत शिवनारायणपुर निवासी सोनू मुंडा (10) को रविवार की सुबह को पहाड़ी चिंट्टी सांप ने डंस लिया। सांप को सोनू के पिता सुभाष मुंडा ने देख लिया और उसे मार डाला। सांप के डंसने के बाद परिजन पहले तो सोनू को बोधाहातू गांव में झाड़-फूंक करवाने लेकर गए। यहां से उसे इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल लेकर जाया गया। स्थिती खराब होने पर सोनू को एमजीएम अस्पताल लेकर जाने की सलाह दी गई। सोनू के परिजन सोनू को एमजीएम लेकर आए ही, साथ-साथ मारे गए सांप को भी अपने साथ ले आए। अस्पताल में वे लोग सांप को एक झोले में लेकर घूमते रहे।
सोनू के पिता सुभाष ने बताया कि रविवार की सुबह सोनू घर में जमीन पर सोया हुआ था। अचानक पहाड़ी चिंट्टी सांप घर में घुस आया और सोनू को गर्दन में डंस लिया। जब तक वह सांप को हटाते तब तक वह सोनू को डंस चुका था। उन्होंनें सांप को लाठी डंडे से कूचकर मार डाला। इसके बाद उसे झोले में रख लिया। वे सांप को अपने साथ लेकर इसलिए घूमते रहे कि इलाज करने वाले को उस सांप की पहचान आसानी से हो सके और उस सांप के जहर का काट खोजने में आसानी हो।
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सांप की पहचान होने से इलाज में होती आसानी
- किसी व्यक्ति को साप काटने पर सबसे पहले उसे सीधा लेटा दें, और बि?ना विलंब किए जल्द से जल्द अस्पताल ले जाने का प्रयास करें।
- साप को अच्छी तरह देखने और पहचानने की कोशिश करें। ताकि साप का हुलिया बताने से चिकित्सक को इलाज करने में आसानी हो।
- मरीज को शात रखने की कोशिश करें। मरीज जितना उत्तेजित रहेगा उसका रक्तचाप भी उसी गति से बढ़ेगा।
- पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर से सारी चीजें जैसे घड़ी, कड़ा, कंगन, अंगूठी, पायल, चेन व जूते चप्पल आदि सभी चीजें उतार लें।
- व्यक्ति को बेहोश नहीं होने दें। अगर वह बेहोशी की हालत में हो भी तो उसकी सासों पर ध्यान रखें और गर्माहट प्रदान करने का पूरा प्रयास करें।
- सर्पदंश के स्थान से दो इंच उपर कपड़े की पट्टी अथवा रस्सी कसकर बाध दें। पट्टी लगभग एक इंच चौड़ी होना चाहिए, साथ ही दंश के 20 मिनट के अंदर बाधी जानी चाहिए। - पट्टी इतना टाइट भी नहीं बाधना चाहिए जिससे खून का प्रवाह पूरी तरह बंद हो जाए। जितने ज्यादा क्षेत्र में पट्टिया बाधेगे उतना फायदा होगा। दिल तक जहर न पहुंचे इसके लिए धड़ को भी पट्टियों से लपेटा जा सकता है।