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वसूली का फंडा : जमशेदपुर के साकची में पार्किंग एरिया में चल रहा वाशिंग सेंटर

साकची पार्किंग एरिया में दो-दो वाशिंग सेंटर का है जिसके बारे में अभी यह बात सामने नहीं आई है कि इन्हें कौन लगवा रहा है। यह बात भी सामने नहीं आ रही है कि पार्किंग एरिया के आसपास दर्जनों ठेले कौन लगवाता है। संदिग्ध गतिविधि जेएनएसी की दिख रही है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 06:09 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 06:09 PM (IST)
वसूली का फंडा : जमशेदपुर के साकची में पार्किंग एरिया में चल रहा वाशिंग सेंटर
साकची में दुकानदारों से बात करते सरयू राय व वाशिंग सेटर का लगा बैनर।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : साकची में बसंत टाकीज के सामने विशाल पार्किंग एरिया है, जिसमें कोरोना काल में जिला प्रशासन के आदेश पर ही करीब डेढ़ वर्ष से सब्जी की दुकानें लग रही थीं। तब इस बात पर कोई चर्चा नहीं हुई कि इन्हें कितने बजे तक बैठना है। यह चर्चा दो दिन पहले शुरू हुई, जब विधायक सरयू राय और उनके भाजमो नेताओं ने सब्जी बेचने वालों से प्रति टोकरी 50 रुपये वसूली करने का विरोध किया।

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इसके बाद पार्किंग ठेकेदार की समस्या भी सामने आई कि सब्जी बाजार लगेगा तो कार-बाइक कहां लगेगी। ताजा मामला पार्किंग एरिया में दो-दो वाशिंग सेंटर का है, जिसके बारे में अभी यह बात सामने नहीं आई है कि इन्हें कौन लगवा रहा है। यह बात भी सामने नहीं आ रही है कि पार्किंग एरिया के आसपास दर्जनों ठेले कौन लगवाता है। इसमें सबसे ज्यादा संदिग्ध गतिविधि जमशेदपुर अधिसूूचित क्षेत्र समिति की दिख रही है। सरयू राय की कार्रवाई के बाद अक्षेस ने पार्किंग ठेकेदार को नोटिस जारी कर तीन दिन मेंं स्पष्टीकरण देने को कहा कि सब्जी दुकानदारों से वसूली क्यों की जा रही है, यह कानून का उल्लंघन है। इसके एक दिन बाद विशेष पदाधिकारी का बयान आया कि पार्किंग एरिया में यदि कोई दुकान लगाता है, तो उससे किराया वसूलना जायज है।

ठेकेदार को किस काम का मिला था ठेका

सवाल है कि ठेकेदार को कार-बाइक से शुल्क वसूलने के लिए ठेका दिया गया था कि सब्जी दुकानदार और ठेले वालों से। निविदा की प्रकृति बदलने के लिए कौन जिम्मेदार है। हैरानी की बात है कि बुधवार को ना पार्किंग ठेकेदार का आदमी वसूलने के लिए आया, ना जमशेदपुर अक्षेस का कर्मचारी दुकानदारों को घड़ी दिखाकर भगाने के लिए आया। आखिर यह परिवर्तन क्यों हुआ। वसूली करने वालों को रंगेहाथ पकड़े जाने के बाद पुलिस ने कैसे छोड़ दिया। जब लिखित शिकायत दर्ज कराने के लिए विधायक सरयू राय तैयार थे, तो उनसे शिकायत क्यों नहीं ली गई। इस पर भी तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस की ऐसी कार्रवाई तो अवैध वसूली को बढ़ावा देने वाली है।


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