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Jharkhand में बनेगी असंगठित मजदूरों की यूनियन, इस कारण यूनियनों का अस्तित्व आया खतरे में

Jamshedpur News राकेश्वर पांडेय ने कहा - कोरोना काल में दो बार प्रदेश इंटक की वर्चुअल कमेटी मीटिंग हुई है। लेकिन पहली बार फिजिकल रूप से तीन जुलाई को स्थानीय माइकल जान आडिटोरियम में कमेटी मीटिंग होगी।

By Sanam SinghEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 07:57 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 07:57 PM (IST)
Jharkhand में बनेगी असंगठित मजदूरों की यूनियन, इस कारण यूनियनों का अस्तित्व आया खतरे में
Jamshedpur News : प्रेस वार्ता में राकेश्वर पांडेय जानकारी देते।

जमशेदपुर : झारखंड प्रदेश में असंगठित मजदूरों को गोलबंद कर उनकी यूनियन बनाने का काम शुरू है। आए दिन कंपनियों में स्थायी कर्मी कम हो रहे हैं तो ठेका मजदूरों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो चिंता का विषय है। यह बातें शुक्रवार को टिनप्लेट यूनियन कार्यालय में झारखंड प्रदेश इंटक के अध्यक्ष राकेश्वर पांउेय ने कही। आगे पत्रकारों को संबोधित करते हुए राकेश्वर पांडेय ने कहा कि कंपनियों में स्थायी कर्मियों की संख्या कम होने से यूनियनों का अस्तित्व ही खतरे में है।

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ऐसे में असंगठित मजदूरों के आवाज को उठाने व उन्हें उनका हक दिलाने के लिए आगे आना होगा तथा इसके लिए पहले उनकी यूनियनें बनानी होगी, जिस पर काम शुरू है। राकेश्वर पांडेय ने कहा कि कोरोना काल में दो बार प्रदेश इंटक की वर्चुअल कमेटी मीटिंग हुई है लेकिन पहली बार उनकी अध्यक्षता में फिजिकल रूप से तीन जुलाई को स्थानीय माइकल जान आडिटोरियम में कमेटी मीटिंग होगी। सुबह ग्यारह बजे से शाम चार बजे तक मीटिंग चलेगा जिसमें इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री संजय सिंह समेत प्रदेश के सभी पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य व अन्य लोग भी शामिल होंगे। संवाददाता सम्मेलन में राकेश्वर पांडेय के अलावा प्रदेश पदाधिकारी विनोद राय, कोषाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव, प्रवक्ता जम्मी भास्कर, परविंदर सिंह, महेंद्र मिश्रा समेत कई पदाधिकारी शामिल थे।

जानें क्या है कमेटी मीटिंग का एजेंडा

कमेटी मीटिंग में पहले दिवंगत इंटक नेताओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी फिर कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए आय-ब्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया।

.1 पूरे देश में कम हो रहे स्थायी नौकरी पर बात होगी।

2.असंगठितो की यूनियन बनाने पर जोर रहेगा।

3. जो कंपनियां बद है, उसे खुलने की उम्मीद नहीं है वैसे कंपनियों की यूनियन को समाप्त करने पर बात होगी।

4. असंठित यूनियनें कहां-कहां बनी है इसकी जानकारी प्राप्त की जाएगी।

5. सेना में बहाली से लेकर सरकार के श्रम नीतियों पर भी चर्चा की जाएगी।

6. अन्यान्य विषय पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।

मजदूरों के मुद्दे पर श्रम विभाग का नहीं मिल रहा सहयोग : राकेश्वर

झारखंड प्रदेश इंटक के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने कहा कि मजदूरों के मामले में श्रम विभाग का सहयोग नहीं मिल रहा है। मजदूर अपने हक के लिए सड़क पर हैं, लेकिन उन्हें जो सहयोग मिलना चाहिए नहीं हो रहा हे। तत्कालीन बिहार सरकार की 980 यूनियनों के निबंधन रद मामले में बोलते हुए राकेश्वर पांउेय ने कहा कि आज तक झारखंड में उससमस्या का समाधान नहीं हो पाया। पिछले एक साल से झारखंड के मुख्यमंत्री के पास भी इस मामले को उठाया गया था। जब बिहार से अलग होकर झारखंड बनी तो यहां जो-जो यूनियनें है उनका निबंधन होना चाहिए जो आज तक नहीं हुआ। हर स्तर पर बात उठाई गई है लेकिन सफलता नहीं मिली है। श्रम विभाग बिहार सरकार के समय की कागजात मांग रही है जो मिलना मुश्किल है।


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