Education News : गृह जिला ट्रांसफर लेने पर शिक्षकों को इस चींज का होगा नुकसान
अपने गृह जिला में जाने के लिए आतुर शिक्षक नियुक्ति वर्ष से ही अंतर जिला स्थानांतरण के लिए आन्दोलनरत रहे हैं। सभा व बैठक कर तथा सांसद विधायक व मंत्री को ज्ञापन सौंप कर शिक्षक संगठन अंतर जिला स्थानांतरण की मांग को उठाते रहे हैं।
दिनेश शर्मा, चक्रधरपुर : पिछले दिनों राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों के गृह जिला में स्थानांतरण को हरी झंडी दिखाए जाने के बाद खुश हुए शिक्षकों में मायूसी है। ऐसा इसलिए क्योंकि गृह जिला में स्थानांतरित हो कर जाने के लिए शिक्षकों को वरीयता से हाथ धोना पड़ेगा। वरीयता खोकर अंतर जिला स्थानांतरण में शिक्षकों को पदोन्नति में हानि उठानी पड़ेगी।
इंटर व स्नातक प्रशिक्षण शिक्षकों के अन्तर जिला स्थानांतरण की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के पत्रांक 14/स्था-07/2022-1094, दिनांक 15. 06. 2022 के तहत प्रत्येक जिला से प्रस्ताव मांगा गया है। झारखंड सरकार, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की अधिसूचना संख्या 1556/ दिनांक 08.06.2022 के क्रमांक 13(IV)(डी) के अनुसार अंतर जिला स्थानांतरण के कारण स्थानांतरित शिक्षकों की संवर्गवार वरीयता पूर्व से पदस्थापित शिक्षकों के वरीयता में उनके स्थानांतरित जिले में योगदान की तिथि के अनुसार सबसे नीचे रखी जाएगी।
वर्ष 2015 एवं 2016 में सीधी नियुक्ति के तहत जेटेट उत्तीर्ण प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की नियुक्ति भारी संख्या में गृह जिला के बाहर हुई थी। अपने गृह जिला में जाने के लिए आतुर शिक्षक नियुक्ति वर्ष से ही अन्तर जिला स्थानांतरण के लिए आन्दोलनरत रहे हैं। सभा व बैठक कर तथा सांसद, विधायक व मंत्री को ज्ञापन सौंप कर शिक्षक संगठन अंतर जिला स्थानांतरण की मांग को उठाते रहे हैं। शिक्षक अंतर जिला स्थानांतरण नियमावली में संशोधन कर कुछ शर्तों को शिथिल करने की मांग करते आए हैं।
विशेष कर सामुहिक अंतर जिला स्थानांतरण में वरीयता खोने सम्बंधित शर्त को शिथिल करने की मांग थी। स्थानांतरण की प्रक्रिया में आवेदन के साथ वरीयता खोने व स्थानांतरित जिला में वरीयता का दावा नहीं करने सम्बन्धी शपथ पत्र संलग्न करना अनिवार्य किया गया है। इससे अपने गृह जिला जाने वाले शिक्षकों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। गृह जिला में स्थानांतरण व पदस्थापन के पश्चात अपने जिले में योगदान की तिथि से वरीयता की गणना होगी। वर्तमान पदस्थापित जिला में पांच से छह वर्ष तक की नियमित सेवा देने वाले शिक्षकों को गृह जिला में प्रोन्नति पर प्रतिकूल प्रभाव वहन करना होगा।
अंतर जिला स्थानांतरण में शिक्षकों को वरीयता खोने से संबंधित बिन्दु पर पुनर्विचार करना चाहिए। ताकि स्थानांतरित होकर गृह जिला में जाने के बाद शिक्षकों की वरीयता बरकरार रहे ।
-राजेन्द्र प्रसाद महतो, शिक्षक