Jamshedpur News : तालसा बुरू सेंदरा में आदिवासियों ने जंगल में नहीं किया शिकार, जानें कारण
Jamshedpur Tribal News सुंदरनगर के तालसा फुटबाल मैदान में तालसा बुरू सेंदरा का आयोजन किया गया। जंगल में भालू लकड़बग्घा लोमड़ी सियार जंगली सूअर मोर खरगोश बंदर गिलहरी आदि जानवर है। जितने भी शिकारी जंगल गए थे। वह बिना शिकार किए वापस लौटे।
जमशेदपुर, जासं: Jharkhand Tribal News सुंदरनगर के तालसा फुटबाल मैदान में सिंगड़ सिंगरई नृत्य कर सालसा बुरू सेंदरा पर्व का समापन किया गया। ज्ञात हो कि प्रत्येक साल के भांति इस वर्ष भी तालसा बुरू सेंदरा का आयोजन किया गया था। प्रथम दिन रविवार को यानि 21 मई 2022 को सुबह पहाड़ के तलहटी पर बुरू बोंगा दिहरी (पुजारी) द्वारा वन देवी-देवताओं की पूजा अर्चना कर सेंदरा वीर शिकार के लिए जंगल में गए। सभी शिकारी जंगल से सकुशल शाम को पांच बजे तक उतर चुके थे।
सभी बिना शिकार किए खाली हाथ लौटे
गिपीतिज सुतान टांडी (विश्राम स्थल) आकर शिकारियों ने बताया कि जंगल में भालू, लकड़बग्घा, लोमड़ी, सियार, जंगली सूअर, मोर, खरगोश, बंदर, गिलहरी आदि जानवर है, जितने भी शिकारी जंगल में गए थे किसी ने भी जानवरों का शिकार नहीं कर पाए। सभी खाली हाथ लौटे।
जंगल बचाने का लिया संकल्प
शिकारियों ने तालसा, डाड़ी, हकीगोड़ा, बिश्रामपुर, कुदादा, तुरामडीह, उकाम सहित जंगल किनारे में पेड़-पौधे बचाने के कार्य की सराहना की। मौके पर तालसा माझी बाबा दुर्गा चरण मुर्मू ने शिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सेंदरा पर्व (शिकार) आदिवासियों की परंपरा है। इसे हम निर्वाह करते रहेंगे, साथ ही जंगल में पेड़-पौधों की रक्षा और जंगली पशु-पक्षियों की रक्षा करते हुए हम अपना सेंदरा पर्व मनाएंगे। विश्राम स्थल तालसा फुटबाल मैदान में रात को सिंगराई नाच की प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें कुल दस नृत्य दल शामिल हुए। सभी नृत्य दलों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से गांव के सभी जोगमाझी, मेघराई मुर्मू, सुधीर बेसरा, गंगाराम मुर्मू, दरोगा हेंब्रम, लखीराम बास्के, शीतल बास्के, सुखलाल सोरेन, लेपा मुर्मू सहित ग्राम सभा के सदस्यों का योगदान रहा।