Single use plastic: दुकानों में बिकने लगे प्लास्टिक व कपड़े के थैले...ठोंगा का हो रहा इस्तेमाल
Jamshedpur News ज्यादातर ग्राहक भी थैला लेकर बाजार जाने लगे हैं। हालांकि यह जागरूकता शहरी क्षेत्र में ही ज्यादा दिख रही है ग्रामीण या बस्ती क्षेत्र में अब भी लापरवाही दिख रही है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाना होगा।
जमशेदपुर : केंद्र सरकार ने एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें वैसे प्लास्टिक की बिक्री व उपयोग पर रोक है, जिसे आमतौर पर दोबारा उसी रूप में उपयोग नहीं किया जाता है। प्रतिबंध को लेकर निकाय करीब एक सप्ताह से जागरूकता अभियान चला रहे हैं, तो कहीं-कहीं जब्त भी किए हैं। इसका असर यह दिख रहा है कि राशन व सब्जी की अधिकतर दुकानों में प्लास्टिक व कपड़े के थैले बिक रहे हैं, पहले ऐसा नहीं था।
ज्यादातर ग्राहक भी थैला लेकर बाजार जाने लगे हैं। पहले जो सामान पालीथिन में भरकर डिक्की में ले आते थे, अब इसमें बदलाव दिख रहा है। हालांकि यह जागरूकता शहरी क्षेत्र में ही ज्यादा दिख रही है, ग्रामीण या बस्ती क्षेत्र में अब भी लापरवाही दिख रही है। अब तक लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण, मनुष्य, पशु-पक्षी व धरती को होने वाले नुकसान से जागरूक किया जा रहा है। या तो उन्हें पता नहीं है या जानकर भी अनजान बन रहे हैं। चूंकि अभी निकाय, जिला प्रशासन या पुलिस विभाग की ओर से जांच में सख्ती नहीं हुई है, इसलिए भी कुछ लोग प्रतिबंधित नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। उम्मीद है कि सख्ती बढ़ेगी तो पालन भी उसी अनुरुप होगा।
ग्रामीण क्षेत्र के दुकानदार प्लास्टिक में ही दे रहे सामान
पोटका : ग्रामीण क्षेत्र में आज भी लोग सिंगल यूज प्लास्टिक के बारे में नहीं जानते, लोगों को इतना पता है कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा है, मगर कौन से प्लास्टिक पर, यह नहीं पता। आज भी सब्जी और दैनिक उपयोग में आने वाले दाल, चावल प्लास्टिक में ही बिक रहे हैं।
दुकानदार फिरोजउद्दीन कहते हैं कि दो साल पहले जब प्लास्टिक पर प्रतिबंध की खबर मिली थी, तब से मैंने प्लास्टिक खरीदना छोड़ दिया अब मैं कपड़ा अखबार में लपेट कर ग्राहक को देता हूं। प्लास्टिक से जल, वायु, मिट्टी प्रदूषित होती है। इससे हमें बचना चाहिए। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगना चाहिए। सब्जी विक्रेता सुगनी मुर्मू कहती हैं कि मुझे नहीं पता कि सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है। मगर इससे बेचने में सुविधा होती है। बाजार में नहीं मिलेगा तो कागज के ठाेंगा में सब्जी बेचूंगी।