Jamshedpur News: उधार की जिंदगी जीने को मजबूर नवनियुक्त प्राध्यापक, तीन महीने से नहीं मिला है वेतन
Jamshedpur News नए प्राध्यापक अब सीनियर प्राध्यापकों से गुजर बसर के लिए उधारी मांग कर अपनी जीविका चला रहे हैं। ऐसे में इन प्राध्यापकों में विश्वविद्यालय के संबंध में क्या मनोदशा होगी ये तो वही जानें। अगर जल्द वेतन नहीं मिला तो परेशानियां और बढ़ सकती है।
जमशेदपुर, जासं। कोल्हान विश्वविद्यालय के अलग-अलग महाविद्यालयों में नियुक्त करीब 37 प्राध्यापकों को बैकलाग नियुक्ति के तीन माह बाद भी उन्हें अब तक वेतन नहीं मिला है। इसके लिए कई बार कोल्हान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (टाकू) के अधिकारियों ने विश्वविद्यालय पदाधिकारियों से बात की। इसके बावजूद अब तक उनका वेतन निर्गत नहीं हो पाया है, जबकि प्राध्यापकों के स्तर से सारी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इन्हीं प्राध्यापकों के साथ नियुक्त दूसरे विश्वविद्यालय ने नियुक्ति के अगले माह से वेतन देना प्रारंभ कर दिया। कोल्हान विश्वविद्यालय में वेतन मामले में सुस्ती बरती जा रही है। वेतन इन प्राध्यापकों की आजीविका से जुड़ा हुआ मामला है। टाकू के महासिचव प्रोफेसर इंदर पासवान का कहना है कि इन प्राध्यापकों के साथ भेदभावपूर्ण नीति विश्वविद्यालय अपना रहा है। समस्या तब ज्यादा गंभीर हो जाती है एक ही संस्था में काम करनेवाले दूसरे सीनियर लोगों को वेतन मिलता है और नए लोगों को तीन महीनों से वेतन नहीं मिल रहा हो। ये सारे नए प्राध्यापक अब सीनियर प्राध्यापकों से गुजर बसर के लिए उधारी मांग कर अपनी जीविका चला रहे हैं। ऐसे में इन प्राध्यापकों में विश्वविद्यालय के संबंध में क्या मनोदशा होगी ये तो वो ही जाने। फिलहाल सीनियर प्राध्यापक किसी तरह आर्थिक सहयोग कर उनका एवं उनके परिवार का भरण-पोषण करने में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
केयू को निर्णयों पर अमल करने में लगा रहा समय
कोल्हान विश्वविद्यालय विभाग और सिंडिकेट द्वारा लिए गए निर्णयों को लेने में भी समय लगा रहा है। राज्य सरकार ने पीएचडी व एमफिल कर चुके एसोसिएट प्रोफेसर को अलग से इंक्रीमेंट देने का फैसला किया है। इस पर सभी विश्वविद्यालयों ने अधिसूचना जारी कर दी है, लेकिन कोल्हान विश्वविद्यालय ने इस संबंध में अब तक अधिसूचना जारी नहीं की है। इधर एक साल पहले बैकलाग में नियुक्त हुए एसिस्टेंट प्रोफेसर का सर्विस कंफेरमेशन पत्र भी अब तक नहीं मिला है। तीन माह पूर्व हुए बैकलाग से नियुक्त हुए एसिस्टेंट प्रोफेसर को अब तक वेतन मिलना ही प्रारंभ नहीं हो पाया है। सिंडिकेट से पास होने के बावजूद इस संबंध में अधिसूचना जारी नहीं करना और कागजी कार्रवाई को पूरा नहीं कर पाने से प्राध्यापकों का एक बड़े वर्ग में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
बैकलाग से नियुक्त हुए प्राध्यापकों का प्राण नंबर बनाना है। इसके लिए प्रक्रिया पूर्ण हो गई। रजिस्ट्रार द्वारा इस संबंध में जल्द ही कागजी कार्रवाई की जाएगी। उम्मीद है अगले माह से इन प्राध्यापकों को वेतन मिलने लगेगा।
डा. पीके पाणि, प्रवक्ता, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा।