मकर संक्रांति : तिल-गुड़ की खुशबू से महक उठा बाजार Jamshedpur News
मकर संक्रांति व टुसू पर्व के रंग में शहर डूब चुका है। हर बाजार में तिल-गुड़ और इससे बने पकवान की दुकानें सज गई हैं। मकर संक्रांति में तिल-गुड़ की सोंधी खुशबू से बाजार गुलजार है।
जमशेदपुर (जासं)। मकर संक्रांति व टुसू पर्व के रंग में शहर डूब चुका है। हर बाजार में तिल-गुड़ और इससे बने पकवान की दुकानें सज गई हैं। मकर संक्रांति में तिल-गुड़ की सोंधी खुशबू से बाजार गुलजार है।
झारखंड के मूलवासी का टुसू वर्ष का सबसे बड़ा त्योहार है, जबकि अन्य जाति के लोग अलग-अलग नाम से मकर संक्रांति मनाते हैं। मकर संक्रांति में तिलकुट और दही-चूड़ा का सेवन और दान का खास महत्व है। शहर में बाजार में तिलकुट और गुड़ की दुकानें वैसे तो एक माह पहले ही सज गई थीं, लेकिन रविवार को बाजार में जमकर इनकी खरीदारी की गई। बाजार में चीनी, गुड़ और खोवा से बने तिलकुट और लड्डू की खरीददारी हो रही है।
बाहर से आते हैं कारीगर
अच्छी क्वालिटी के तिलकुट बनाने के लिए शहर के दुकानदार बाहर से कारीगर बुलाते हैं। खासकर जनवरी में तिलकुट बनाने के लिए बिहार के गया से कारीगर लौहनगरी पहुंचते हैं। बारीडीह के दुकानदार गणेश बताते हैं कि गया का तिलकुट पूरे देश में मशहूर है। शायद यही वजह है कि ज्यादातर दुकानदार गया का तिलकुट का स्वाद होने का दावा करते हैं। उन्होंने बताया कि बारीडीह के अलावा साकची, मानगो, सोनारी, कदमा, बिष्टुपुर, गोलमुरी आदि बाजार में इसकी बिक्री की जाती है।
चीनी से महंगा गुड़ का तिलकुट बाजार में 180 से लेकर 350 रुपये प्रति किलो तक के तिलकुट उपलब्ध हैं। चीनी, गुड़ और खोवा से बने तिलकुट और लड्डू उपलब्ध हैं। बाजार में चीनी से बने तिलकुट से महंगा गुड़ से बना तिलकुट मिल रहा है।
चीनी तिलकुट 180 से 200 रुपये
गुड़ तिलकुट 190 से 220 रुपये
खोवा तिलकुट 300 से 350 रुपये
गुड़, दही व चूड़ा की बढ़ी मांग क्षेत्र में मनाए जाने वाले सबसे बड़ा त्योहार टुसू को लेकर बाजार में गुड़, चूड़ा और दही की मांग भी बढ़ गई है। टुसू पर्व में हर घर में गुड़ पीठा बनाया जाता है। बाजार में गुड़ पीठा बनाने के लिए गुड़ की खरीदारी की जा रही है। व
हीं बिरसानगर, बारीडीह समेत कई क्षेत्र में चावल के आटा भी मिल रहा है। पारंपरिक रूप से ढेंकी से कूटकर तैयार किए गए चावल के आटे की कीमत 30 रुपये किलो है। मकर संक्रांति के मौके पर स्थानीय लोग टुसू पर्व मनाते हैं। इस दिन गुड़ पीठा के साथ दही-चूड़ा खाने की परंपरा है। इस दिन लोग नए वस्त्र पहनते हैं। रविवार को साकची, बिष्टुपुर, मानगो, बारीडीह, बिरसानगर संडे मार्केट आदि बाजार में लोग नए कपड़े खरीदे।